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Dormant Bank Account: बैंक अकाउंट क्यों होता है निष्क्रिय? क्या है दोबारा एक्टिव करने का प्रोसेस और चार्ज

Dormant Bank Account: अगर बैंक अकाउंट लंबे समय तक इस्तेमाल न हो, तो वह इनएक्टिव या डॉर्मेंट हो सकता है। इससे UPI, डेबिट कार्ड जैसी सेवाएं बंद हो जाती हैं और आपका पैसा भी फंस सकता है। जानिए इनएक्टिव या डॉर्मेंट को दोबारा एक्टिव कराने का पूरा प्रोसेस।

Suneel Kumarअपडेटेड Jun 20, 2025 पर 2:44 PM
Dormant Bank Account: बैंक अकाउंट क्यों होता है निष्क्रिय? क्या है दोबारा एक्टिव करने का प्रोसेस और चार्ज
इनएक्टिव और डॉर्मेंट खातों में मुख्य अंतर उनके फंक्शनल स्टेटस में होता है।

Dormant Bank Account: अगर आपने लंबे समय से अपने बैंक खाते में कोई लेन-देन नहीं किया है, तो सावधान हो जाइए। आपका खाता इनएक्टिव (Inactive) या डॉर्मेंट (Dormant) यानी निष्क्रिय हो सकता है। इससे न सिर्फ आपकी सेवाएं बंद हो जाती हैं, बल्कि फंड तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। हालांकि अच्छी बात यह है कि इनएक्टिव या डॉर्मेंट अकाउंट को वापस एक्टिव किया जा सकता है, बशर्ते आपको इसके नियम और प्रक्रिया की सही जानकारी हो।

आइए जानते हैं कि बैंक अकाउंट इनएक्टिव या डॉर्मेंट क्यों होता है और अकाउंट को दोबारा एक्टिव करने का क्या प्रोसेस और फीस है।

खाते इनएक्टिव या डॉर्मेंट क्यों होते हैं?

अगर ग्राहक अपने खाते में लगातार 12 महीने तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं करता, तो बैंक उसे इनएक्टिव घोषित कर देता है। अगर यह स्थिति लगातार 24 महीने या उससे ज्यादा बनी रहती है, तो खाता डॉर्मेंट हो जाता है। यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि बैंक की ओर जमा किया ब्याज या शुल्क कटौती को 'ग्राहक द्वारा लेनदेन' नहीं माना जाता।

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