Gold bubble warning: भारत और ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमत (Gold Price) रिकॉर्ड हाई पर है। इस साल सोने की कीमत अब तक करीब 40% बढ़ चुकी है। वहीं, 2024 में 27% की तेजी आई थी। मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 6 साल में सोने का भाव तीन गुना से ज्यादा बढ़ चुका है। लेकिन, अब एक्सपर्ट का कहना है कि गोल्ड समेत कई एसेट क्लास में बबल नजर आ रहा है। जैसे कि स्टॉक मार्केट और क्रिप्टोकरेंसी।
भारत में गोल्ड की लेटेस्ट प्राइस
शारदीय नवरात्रि के आगाज के साथ ही सोने ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। 23 सितंबर को पहली बार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमत (Gold Price Today) 1.13 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई। पिछले 5 कारोबारी सत्रों में यह चौथी बार है जब सोने में तेजी आई है।
22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होते ही बाजार में सोने-चांदी की ज्वैलरी की डिमांड बढ़ी है। अनुमान है कि आने वाले दिनों में यह मांग और बढ़ेगी, जिससे पूरा फेस्टिव सीजन गोल्ड और सिल्वर के लिए मजबूत साबित हो सकता है।
क्या है एक्सपर्ट की चेतावनी?
दिग्गज ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन के चेयरमैन और सीईओ जेमी डिमन (Jamie Dimon) ने चेतावनी दी है कि गोल्ड समेत कई एसेट क्लासेज में हालिया जोरदार तेजी एक बड़े बुलबुले का हिस्सा हो सकती है। वह मुंबई में आयोजित जेपी मॉर्गन इंडिया इन्वेस्टर कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्लोबल मार्केट में 'आशावाद' एसेट प्राइस को नए ऐतिहासिक स्तर तक ले जा रहा है।
डिमन ने CNBC-TV18 से कहा, 'हम बुलबुले की स्थिति में पहुंच रहे हैं। मुझे नहीं पता हम कहां खड़े हैं। लेकिन पॉजिटिव सेंटिमेंट स्टॉक, गोल्ड से क्रिप्टो तक सबको रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचा रहा है।'
जेफरीज गोल्ड पर बुलिश
जेपी मॉर्गन के उलट ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का रुख गोल्ड पर काफी बुलिश है। जेफरीज के ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी क्रिस वुड (Chris Wood) के मुताबिक, गोल्ड की कीमतों में करीब 77% का उछाल आ सकता है और यह 2 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक भी पहुंच सकती है। वुड लंबे समय से सोने पर बुलिश हैं। उनका मानना है कि गोल्ड की इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में अच्छी हिस्सेदारी होनी चाहिए।
फेडरल रिजर्व का असर
फेडरल रिजर्व ने पिछले हफ्ते लेबर मार्केट कंडीशंस का हवाला देते हुए ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी। साथ ही आगे और कटौती के संकेत दिए थे। हालांकि, पॉलिसीमेकर्स महंगाई के जोखिम पर अब भी बंटे हुए हैं। ऐसे में निवेशक सेफ-हेवन एसेट्स की ओर रुख कर रहे हैं और फेड की अगली पॉलिसी पर नजर बनाए हुए हैं।
मार्केट एक्सपर्ट्स का नजरिया
OANDA के सीनियर मार्केट एनालिस्ट केल्विन वोंग के मुताबिक, 'गोल्ड में शॉर्ट-टर्म ट्रेंड अब भी बुलिश है। लेकिन टेक्निकल फैक्टर्स की वजह से हमें शॉर्ट टर्म करेक्शन दिख सकता है।' उन्होंने $3,710 और $3,690 प्रति औंस को अहम सपोर्ट लेवल बताया। मंगलवार, 23 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड का रेट $3,774 प्रति औंस था।
अब किस ओर जाएगा गोल्ड?
सोने के निवेशकों की नजर अब फेड चेयर जेरोम पॉवेल के मंगलवार (23 सितंबर) को होने वाले भाषण पर है। वहीं, फेड के भीतर बहस जारी है। नए गवर्नर स्टीफन मिरान ने कहा कि आक्रामक दर कटौती न करने से नौकरियों पर खतरा हो सकता है। यह रुख उन सहयोगियों के उलट है, जो महंगाई पर सावधानी बरतने की वकालत कर रहे हैं।
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