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Ahoi Ashtami 2025: संतान की सुरक्षा करती है स्याउ माता की माला, जानिए किस दिन किया जाएगा अहोई अष्टमी व्रत?

Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। ये व्रत माताएं अपनी संतान की अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। इस व्रत में माताएं पूरे दिन निर्जला उपवास करती हैं और संतान की सुरक्षा के लिए स्याहू माता की माला पहनती हैं।

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 11, 2025 पर 11:10 AM
Ahoi Ashtami 2025: संतान की सुरक्षा करती है स्याउ माता की माला, जानिए किस दिन किया जाएगा अहोई अष्टमी व्रत?
इस व्रत में माताएं स्याउ माता की पूजा करती हैं और स्याउ माला भी धारण करती हैं।

Ahoi Ashtami 2025 Syahu Mala: अहोई अष्टमी का व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छी सेहत, और उज्जवल भविष्य के लिए रखा जाता है। माना जाता है कि माताओं के व्रत का पुण्य फल उनके बच्चों पर आने वाले संकटों से उनकी रक्षा करता है। नि:संतान दंपति इस व्रत को संतान सुख प्राप्त करने के लिए करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत परिवार में शांति, सौभाग्य और धन-धान्य में वृद्धि करता है।

इस व्रत को करने के से पूरे परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, यह व्रत माता और संतान के बीच के प्रेम और समर्पण का भी प्रतीक माना जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस व्रत में माताएं निर्जला उपवास करती हैं और शाम को उगते तारों को देखकर व्रत का पारण करती हैं। इस व्रत में माता स्याउ माता की पूजा करती हैं और स्याउ माला भी धारण करती हैं।

अहोई अष्टमी 2025 कब है?

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि इस साल 13 अक्तूबर 2025 को दोपहर 12:24 बजे शुरू होकर 14 अक्तूबर की सुबह 11:09 बजे तक रहेगी। उदयकाल की तिथि को मान्यता दी जाती है, लेकिन अहोई अष्टमी का व्रत अष्टमी तिथि पर तारों या कुछ जगहों पर चंद्रमा के दर्शन करने के बाद समाप्त किया जाता है, जो सोमवार, 13 अक्तूबर 2025 को होगा।

पूजा का मुहूर्त : शाम 05:53 बजे से शाम 07:08 बजे तक

अवधि – 01.15 घंटा

तारों को देखने का समय : शाम 06:17 बजे

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