Krishna Janmashtami 2025: दुनियाभर में कृष्ण भक्त आज कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मना रहे हैं। मध्यरात्रि में 12 बजे के बाद श्रीहरि विष्णु का कृष्ण के रूप में सांकेतिक जन्म होगा। धार्मिक मान्यतओं के अनुसार भगवान इस दिन भक्त के घर शिशु रूप में पधारते हैं। माना जाता है कि जग के पालनहार की इस रूप में सेवा से कई सत्कर्मों का पुण्य एक साथ मिलता है। आज पूरा विश्व भगवान श्री कृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मना रहा है। इस खास मौके पर भक्त अपने घरों में श्रीकृष्ण के जन्म की झाकियां सजाते हैं, उनके भजन गाते हैं और उनके पसंद की खाने पीने की चीजें बनाकर उनको भोग स्वरूप चढ़ाते हैं। इनमें माखन मिसरी और 56 भोग का विशेष महत्व है। कान्हा को जो छप्पन भोग चढ़ता है, उसमें सिर्फ फल या मिठाई ही नहीं नमकीन और शरबत आदि पेय भी शामिल होते हैं। ये सभी चीजें, बिना लहसुन-प्याज के सात्विक तरीके से बनाई जाती हैं। लेकिन कभी सोच है कि कृष्ण को 50, 51 या 55 नहीं पूरे 56 व्यंजनों का भोग ही क्यों लगाया जाता है, इसकी परंपरा कहां से और क्यों शुरू हुई? ऐसे तमाम सवालों के जवाब आज हम आपको बताएंगे।