Pitra Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व है। हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से शुरू होने वाले श्राद्ध आश्विन मास की अमावस्या को सर्वपितृ विसर्जन के साथ संपन्न होते हैं। इस 15-16 दिनों की अवधि में लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के प्रार्थना और पिंडदान करते हैं। पूरे पितृ पक्ष में पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक हर दिन श्राद्ध किया जाता है। कुछ लोग अपने परिजनों के देहत्याग की तिथि के अनुसार भी श्राद्ध करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवधि में कुछ विशेष तिथियां ऐसी होती हैं जिन पर श्राद्ध कर्म करना बेहद जरूरी होता है। इन तिथियों पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए आवश्यक अनुष्ठान नहीं करने से पितृ नाराज हो जाते हैं और जीवन कष्टकारी हो सकता है। आइए जानें इन विशेष तिथियों के बारे में और साथ ही जानते हैं पितृ पक्ष की शुरुआत 7 या 8 सितंबर किस दिन से हो रही है?