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Sarva Pitru Amavasya 2025: जानें पितृपक्ष का आखिरी दिन और तर्पण का शुभ समय

Sarva Pitru Amavasya 2025: इस साल पितृपक्ष का अंतिम दिन, सर्वपितृ अमावस्या, कुछ ऐसा लेकर आया है जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे। जो लोग पूर्वजों का श्राद्ध या तर्पण नहीं कर पाए थे, उनके लिए यह दिन बेहद खास है। पिंडदान और तर्पण से पितरों की कृपा और परिवार में सुख-समृद्धि की गारंटी मिलती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 11, 2025 पर 1:14 PM
Sarva Pitru Amavasya 2025: जानें पितृपक्ष का आखिरी दिन और तर्पण का शुभ समय
Sarva Pitru Amavasya 2025: पितृ पक्ष के अंतिम दिन तर्पण और पिंडदान करने के लिए कुछ खास मुहूर्त हैं

सनातन धर्म में पितृपक्ष के अंतिम दिन को सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। ये दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्होंने किसी कारणवश अपने पूर्वजों का श्राद्ध या तर्पण नहीं कर पाए। पितृपक्ष के दौरान किए गए श्राद्ध से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस दिन पिंडदान, तर्पण और विधिपूर्वक श्राद्ध करने की परंपरा है, जो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितरों के कल्याण और मोक्ष का मार्ग खोलती है। आमतौर पर लोग इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए भोजन आदि भी करते हैं, ताकि उनका पुण्य लाभ प्राप्त हो।

सर्वपितृ अमावस्या को लेकर मान्यता है कि इस दिन किए गए कार्य सबसे अधिक फलदायी होते हैं। यही कारण है कि ये दिन परिवार और समाज में विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

सर्वपितृ अमावस्या 2025 की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की अमावस्या इस साल 21 सितंबर को रात 12:16 बजे शुरू होगी और 22 सितंबर को रात 1:23 बजे समाप्त होगी। इसलिए, इस साल सर्वपितृ अमावस्या 21 सितंबर को मनाई जाएगी।

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