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Som Pradosh Vrat 2025:आज भगवान शिव की पूजा का मिलेगा कई गुना फल, जानिए सोम प्रदोष व्रत का महत्व, विधि, और शुभ मुहूर्त

Som Pradosh Vrat 2025: कार्तिक मास का अंतिम प्रदोष व्रत आज किया जा रहा है। यह व्रत सोमवार को होने की वजह से सोम प्रदोष व्रत है। इस करने से कर्ज, आर्थिक संकट और मानसिक तनाव दूर होता है. यह व्रत सौ जन्मों तक के पापों का नाश करने में समर्थ है। आइए जानें इसकी पूजा विधि, महत्व और मुहूर्त

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 03, 2025 पर 12:24 PM
Som Pradosh Vrat 2025:आज भगवान शिव की पूजा का मिलेगा कई गुना फल, जानिए सोम प्रदोष व्रत का महत्व, विधि, और शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।

Som Pradosh Vrat 2025: आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष का त्रयोदशी व्रत यानी प्रदोष व्रत है। इस व्रत को प्रदोष व्रत कहते हैं। इस व्रत का महत्व उसके दिन से और भी बढ़ जाता है। जैसे आज का व्रत सोमवार के दिन होने की वजह से सोम प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। सोमवार के दिन प्रदोष व्रत होने पर इसका महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि सोमवार का दिन भी भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोम प्रदोष व्रत करने से कर्ज, आर्थिक संकट और मानसिक तनाव दूर होता है। यह व्रत सौ जन्मों तक के पापों का नाश करने में समर्थ माना जाता है। आइए जानें इस व्रत का महत्व, पूजा विधि और मुहूर्त

क्या होता है प्रदोष व्रत?

त्रयोदशी तिथि यानी प्रदोष व्रत को भगवान शिव का प्रिय दिन माना गया है। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। जब यह व्रत सोमवार के दिन पड़ता है, तब इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन सच्चे मन से शिवलिंग की विधिवत पूजा करने पर महादेव प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूरी करते हैं।

सोम प्रदोष तिथि का महत्व

स्कंद पुराण के अनुसार, ‘सोमवारे प्रदोषे तु यः शिवं संप्रपूजयेत्। स सर्वपापविनिर्मुक्तः शिवलोके महीयते॥’ अर्थात जो भक्त सोमवार के प्रदोष पर शिवजी की पूजा करते हैं, वह सभी पापों से मुक्त होकर शिवलोक में स्थान प्राप्त करते हैं। सोम प्रदोष व्रत में रुद्राभिषेक करने से चंद्र, शनि, राहु और केतु के दोष शांत होते हैं और यह व्रत कर्म सुधारने और नकारात्मक ग्रहयोगों को सकारात्मक बनाने में सहायक है।

सोम प्रदोष व्रत 2025

त्रयोदशी तिथि का आरंभ – 3 नवंबर की सुबह 5:07 बजे से

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