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Vishwakarma Pooja 2025:17 सितंबर को की जाएगी सृष्टि के इंजीनियर की पूजा, इन मंत्रों के जाप से दूर होगी आर्थिक तंगी

Vishwakarma Pooja 2025: भगवान विश्वकर्मा की जयंति हर साल 17 सितंबर के दिन मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य जब कन्या राशि में होते हैं, तब सृष्टि के इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन यहां बताए मंत्रों का जाप करने से दूर होगी आर्थिक तंगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 16, 2025 पर 10:24 AM
Vishwakarma Pooja 2025:17 सितंबर को की जाएगी सृष्टि के इंजीनियर की पूजा, इन मंत्रों के जाप से दूर होगी आर्थिक तंगी
17 सितंबर को धूमधाम से मनाई जाएगी सृष्टि के अभियंता भगवान विश्वकर्मा की जयंगी।

Vishwakarma Pooja 2025: भगवान विश्वकर्मा का जन्मोत्सव हर साल 17 सितंबर के दिन मनाया जाता है। इनकी पूजा के दिन मिलों, कारखानों, वर्कशॉप, फैक्ट्रियों और ऑफिसों भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा की जाती है। इस खास दिन को बड़े ही श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर मशीनों को सजाया जाता है, उनकी पूजा की जाती है और बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का इंजीनियर, यंत्रों और मशीनों का देवता माना जाता है। प्राचीन काल में इन्होंने कई नगर, लोक, आस्त्र-शस्त्र और महलों-भवनों का निर्माण किया था। इनके बनाए सबसे प्रसिद्ध निर्माणों में प्राचीन द्वारका नगरी, इंद्रपुरी, भगवान शिव का त्रिशूल और रावण का पुष्पक विमान शामिल है।

कौन हैं भगवान विश्वकर्मा?

धार्मिक मान्यताओं अनुसार विश्वकर्मा जी ने सृष्टि की रचना में भगवान ब्रह्मा की सहायता की थी। इसलिए इन्हें सृष्टि का पहला अभियंता, यानी इंजीनियर भी कहा जाता है। इन्होंने कई प्राचीन नगर बसाए, महल और भवनों का निर्माण किया और अस्त्र-शस्त्र भी निर्मित किए।

कब होगी विश्वकर्मा जयंति?

विश्वकर्मा जयंति हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है। माना जाता है कि इसी दिन सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करते हैं। इस साल भी ये पर्व 17 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन इंदिरा एकादशी का बहुत अच्छा संयोग मिलने के साथ ही कन्या संक्रांति भी है। इस दिन सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश, यानी कन्या संक्रांति का समय सुबह 01:55 बजे होगा।

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, विश्वकर्मा जयंति के दिन पूजा के लिए पूरे दिन में कई शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं। भक्त अपनी सुविधानुसार इनमें से किसी भी मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं।

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