भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को धर्मशाला में गुरुवार को होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मैच के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में पंजाब किंग्स (PBKS) और दिल्ली कैपिटल्स (DC) के बीच ये मैच कल शाम 7.30 बजे खेला जाएगा। हालांकि, 11 मई का मैच धर्मशाला से मुंबई शिफ्ट कर दिया गया है और मैच की नई तारीख जल्द ही अपडेट की जाएगी।
क्योंकि धर्मशाला भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक है, इसलिए इस जगह पर खतरा हो सकता है, इसलिए आशंका है कि पंजाब स्थित फ्रेंचाइजी अपने बाकी घरेलू मैच किसी दूसरी जगह पर ही खेलेगी।
न्यूज एजेंसी ANI ने BCCI सूत्रों के हवाले से बताया, "BCCI को कल का मैच धर्मशाला में आयोजित करने के लिए सरकार से मंजूरी मिल गई है, लेकिन 11 मई का मैच धर्मशाला से मुंबई में ट्रांसफर कर दिया गया है, मैच की नई तारीख जल्द ही अपडेट की जाएगी।"
धर्मशाला में मुंबई इंडियंस (MI) के खिलाफ PBKS का अगला मुकाबला भी फिर से तय किया गया है, क्योंकि एयरलाइंस ने 10 मई तक उत्तर, उत्तर-पश्चिमी और मध्य भारत के 11 शहरों में अपनी फ्लाइट को रद्द कर दिया है, जिसमें श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह, चंडीगढ़, धर्मशाला, बीकानेर, जोधपुर, ग्वालियर, किशनगढ़ और राजकोट शामिल हैं।
BCCI के एक सूत्र ने कहा, "मुंबई इंडियंस और पंजाब किंग्स के बीच मैच धर्मशाला से मुंबई शिफ्ट कर दिया गया है, क्योंकि धर्मशाला का हवाई अड्डा बंद कर दिया गया है और मैच 11 मई को खेला जाना था।"
दरअसल बुधवार को भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर नाम से एक ज्वाइंट अभियान में कुछ खास तरीके के हथियारों का इस्तेमाल करते हुए नौ आतंकी ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमला किया, जिसमें पाकिस्तान में बहावलपुर, मुरीदके, सरजाल और महमूना जोया सहित चार और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (POJK) में पांच आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया।
यह ऑपरेशन भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने साथ मिलकर किया था, जिसमें असेट्स और सैनिकों को शामिल किया गया था। सूत्रों ने आगे बताया कि सभी नौ ठिकानों पर हमले सफल रहे।
भारतीय सेना ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने में शामिल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने के लिए स्थानों का चयन किया।
यह 1971 के बाद से पाकिस्तान के निर्विवाद क्षेत्र के अंदर भारत का सबसे बड़ा हमला था। यह पांच दशकों से ज्यादा समय में पाकिस्तानी क्षेत्र के भीतर नई दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई है।