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iPhone 17 Pro Orange: iPhone 17 Pro का ऑरेंज कलर वेरिएंट खरीदने से पहले जानें ये जरूरी सच, नहीं तो होगी परेशानी

iPhone 17 Pro Orange: अगर आप ऑरेंज iPhone 17 Pro या iPhone 17 Pro Max खरीदने की सोच रहे हैं, तो जरा रुक जाइए क्योंकि आपको आगे क्या हो रहा है, यह जानने की जरूरत है। Macrumours द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मुताबिक इस कलर का वेरिएंट धीरे-धीरे ऑरेंज से रोज-गोल्ड या पिंक कलर में बदल रहा है।

Edited By: Ashwani Kumar Srivastavaअपडेटेड Oct 23, 2025 पर 11:07 AM
iPhone 17 Pro Orange: iPhone 17 Pro का ऑरेंज कलर वेरिएंट खरीदने से पहले जानें ये जरूरी सच, नहीं तो होगी परेशानी
iPhone 17 Pro का ऑरेंज कलर वेरिएंट खरीदने से पहले जानें ये जरूरी सच

iPhone 17 Pro Orange: Apple iPhone 17 Pro Max, iPhone 17 सीरीज में सबसे ज्यादा खरीदे जाने वाले स्मार्टफोन्स में से एक रहा और दर्शकों ने डिवाइस के ऑरेंज कलर वेरिएंट को खूब पसंद किया। और यही कलर प्रो वेरिएंट में भी उपलब्ध था। अब, अगर आप ऑरेंज iPhone 17 Pro या iPhone 17 Pro Max खरीदने के लिए तैयार हैं, तो जरा रुक जाइए क्योंकि आपको आगे क्या हो रहा है, यह जानने की जरूरत है। Macrumours द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि इस कलर का वेरिएंट धीरे-धीरे ऑरेंज से रोज-गोल्ड या पिंक कलर में बदल रहा है, जो कि निराशाजनक खबर है।

iPhone 17 Pro और Pro Max का ऑरेंज वेरिएंट बदल रहा रंग

यह मामला तब सामने आया जब पिछले हफ्ते कई यूजर्स ने TikTok और Reddit पर इस समस्या को पोस्ट किया और कलर में आए बदलाव के बारे में बताया। मुख्य रूप से प्रभावित हिस्सा एनोडाइज्ड एल्युमीनियम फ्रेम केस है, जैसा कि DakAttack316 नाम के एक Reddit यूजर द्वारा शेयर की गई तस्वीर में देखा जा सकता है। उन्होंने अपने पोस्ट में बताया कि उनके iPhone 17 Pro Max में बिना किसी असामान्य इस्तेमाल के गुलाबी रंग विकसित हो गया, जो चौंकाने वाली बात है।

Reddit पर कुछ अन्य पोस्ट्स में यह भी बताया गया है कि iPhone 17 के अन्य वेरिएंट्स में भी रंग में अंतर दिखाई दे रहा है। एक पोस्ट में iPhone 17 Pro का कैमरा आइलैंड कलर, उसके पूरे कॉस्मिक ऑरेंज कलर की तुलना में गहरा दिखाया गया था। और यह सब तब हुआ जब फोन ओरिजिनल Apple क्लियर केस के अंदर था। इससे जुड़ी रिपोर्टों में बताया गया है कि रंग में यह बदलाव पेरोक्साइड-आधारित सॉल्वैंट्स के संपर्क में आने या लंबे समय तक अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों के संपर्क में रहने के कारण हो रहा है।

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