अकेले ट्रैवल करना अलग ही एक्सपीरिएंस होता है। जब आप अकेले ट्रेवल करते है तो आप आप फ्री फील करते है और अपनी मर्जी से जगह भी चुन सकते हैं। आप मर्जी से जगह और जितना दिन चाहें रुक सकते हैं और खाने-पीने से लेकर घूमने तक सब कुछ अपने हिसाब से तय कर सकते हैं। ग्रुप जर्नी की तरह हर बात पर सहमति बनाने की झंझट भी नहीं रहती। लेकिन सोलो ट्रैवल सिर्फ टिकट बुक कर लेने भर से आसान नहीं होता। अक्सर लोग एक्साईटमेट में लोग छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यही बातें आपकी सुरक्षा और आराम में बड़ा फर्क डालती हैं।
