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मंगल ग्रह पर मिले डायनासोर के अंडे! नासा के क्यूरियोसिटी रोवर को मिली ये बड़ी कामयाबी

जब नासा का क्यूरियोसिटी रोवर माउंट शार्प की ढलानों पर स्थित 'द बॉक्सवर्क्स' क्षेत्र में पहुंचा, तो उसने कुछ चट्टानें देखीं जो डायनासोर के अंडे जैसी लग रही थीं। इस खोज ने वैज्ञानिकों की जिज्ञासा और बढ़ा दी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 22, 2025 पर 4:12 PM
मंगल ग्रह पर मिले डायनासोर के अंडे! नासा के क्यूरियोसिटी रोवर को मिली ये बड़ी कामयाबी
नासा के क्यूरियोसिटी रोवर को मंगल ग्रह पर डायनासोर के अंडे वाले निशान मिले हैं।

अतंरिक्ष के कई ऐसे रहस्य हैं जिनका के बारे में आज तक वैज्ञानिक पता लगा रहे हैंवहीं अतंरिक्ष में पृथ्वी को छोड़कर बाकी दूसरे ग्रहों पर भी वैज्ञानिक जिंदगी के तलाश की खोज में लगे हुए हैंवहीं मंगल ग्रह हमेशा अपने रहस्यों से वैज्ञानिकों को हैरान करता रहता है इस बार मंगल ग्रह पर नासा को कुछ ऐसा मिला है जिससे वैज्ञानिक काफी हैरान हैं। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर की एक खोज ने वैज्ञानिकों की जिज्ञासा बढ़ा दी है।

मिले डायनासोर के अंडे के निशान

नासा के क्यूरियोसिटी रोवर को मंगल ग्रह पर डायनासोर के अंडे वाले निशान मिले हैं। दरअसल, ये निशान वहां की चट्टानों पर हैंचट्टानें डायनासोर के अंडे जैसी दिखती हैं। बता दें कि मंगल, पृथ्वी के सबसे नजदीक स्थित है। यह ग्रह आकार में पृथ्वी का लगभग आधा है और यहां दिन पृथ्वी के दिन के लगभग बराबर होता है, यानी 24.6 घंटे। इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी सतह पर लाल रंग का झलक दिखाई देता है।

नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने की खोज

जब नासा का क्यूरियोसिटी रोवर माउंट शार्प की ढलानों पर स्थित 'द बॉक्सवर्क्स' क्षेत्र में पहुचा, तो उसने कुछ चट्टानें देखीं जो डायनासोर के अंडे जैसी लग रही थीं। इस खोज ने वैज्ञानिकों की जिज्ञासा और बढ़ा दी है। कुछ वैज्ञानिक तो यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि ये "डायनासोर के अंडे" हो सकते हैं। रोवर इस क्षेत्र की विस्तार से जाच कर रहा है, जो गेडिज़ वैलिस रिज में स्थित है। इन चट्टानों में शिराओं जैसी दरारें हैं और ये क्यूरियोसिटी द्वारा अब तक देखी गई किसी भी चट्टान से अलग हैं। ये खास संरचनाएकरोड़ों साल पहले वहामौजूद पानी के भी संकेते दे सकती हैं

क्यूरियोसिटी रोवर अपने एडवांस उपकरणों के साथ मंगल की सतह का जांच कर रहा है। मास्टकैम से वह क्षेत्र की तस्वीरें ले रहा है, जबकि केमकैम रासायनिक विश्लेषण कर रहा है। सतह की और भी गहराई से जाँच करने के लिए MAHLI और APXS जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि वैज्ञानिक इन बॉक्स जैसी चट्टानों को पृथ्वी पर होने वाली हाइड्रोथर्मल एक्टिविटी से जोड़ रहे हैं। हाइड्रोथर्मल एक्टिविटी में गर्म पानी और खनिज आपस में मिलकर नई संरचनाएबनाते हैं। ये चट्टानें मंगल की सतह पर तापमान, पानी और अन्य प्रोसेस को समझने में मदद कर सकती हैं। उनका अध्ययन हमें मंगल ग्रह के पुराने तापमान, पानी की उपलब्धता और भूवैज्ञानिक इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है।

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