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Boeing Layoffs: अमेरिकी एयरक्राफ्ट कंपनी ने भारत में की छंटनी, निकाले 180 कर्मचारी

बेंगलुरु में Boeing के पूर्ण मालिकाना हक वाला इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी कैंपस, अमेरिका के बाहर इसके सबसे बड़े निवेशों में से एक है। पिछले साल बोइंग ने ग्लोबल वर्कफोर्स में करीब 10 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। भारत, कंपनी के लिए एक प्रमुख बाजार है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Mar 23, 2025 पर 11:14 AM
Boeing Layoffs: अमेरिकी एयरक्राफ्ट कंपनी ने भारत में की छंटनी, निकाले 180 कर्मचारी
भारत से बोइंग की सोर्सिंग 300 से अधिक सप्लायर्स के नेटवर्क के साथ सालाना लगभग 1.25 अरब डॉलर है।

Layoffs in Boeing: अमेरिका की एयरक्राफ्ट कंपनी बोइंग ने बेंगलुरु में अपने इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी सेंटर में 180 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह छंटनी कंपनी की ग्लोबल वर्कफोर्स में कटौती की कवायद के तहत की गई है। वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियों का सामना कर रही बोइंग के भारत में करीब 7,000 कर्मचारी हैं। भारत, कंपनी के लिए एक प्रमुख बाजार भी है। पिछले साल बोइंग ने ग्लोबल वर्कफोर्स में करीब 10 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वाले एक सोर्स ने कहा कि बोइंग की ग्लोबल वर्कफोर्स में कटौती के तहत बेंगलुरु में बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी सेंटर में 180 कर्मचारियों को 2024 की दिसंबर तिमाही में नौकरी से निकाल दिया गया। आगे कहा कि ग्राहकों या सरकारी ऑपरेशंस पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े, यह सुनिश्चित करते हुए लिमिटेड पोजिशंस में स्ट्रैटेजिक एडजस्टमेंट किए गए हैं। मामले में बोइंग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

कुछ पोजिशन खत्म, कुछ नई बनीं

पीटीआई के मुताबिक, सोर्स ने कहा कि कुछ पोजिशंस को हटा दिया गया है, वहीं नई पोजिशन भी क्रिएट की गई हैं। छंटनी के दौरान कस्टमर सर्विस, सुरक्षा और क्वालिटी स्टैंडर्ड्स को बरकरार रखने पर स्पष्ट ध्यान दिया गया है। बेंगलुरु और चेन्नई में बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (BIETC) जटिल एडवांस्ड एयरोस्पेस वर्क देखता है। बेंगलुरु में कंपनी के पूर्ण मालिकाना हक वाला इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी कैंपस, अमेरिका के बाहर इसके सबसे बड़े निवेशों में से एक है। बोइंग की वेबसाइट के अनुसार, भारत से बोइंग की सोर्सिंग 300 से अधिक सप्लायर्स के नेटवर्क के साथ सालाना लगभग 1.25 अरब डॉलर है।

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