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Covid-19: भारत में सामने आए कोविड के नए NB.1.8.1, LF.7 वेरिएंट, कितने खतरनाक है ये? जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

Covid-19: WHO ने LF.7 और NB.1.8.1 सबवेरिएंट को निगरानी में रखे जाने वाले वेरिएंट के रूप में माना है। हालांकि अभी तक इसे चिंताजनक वेरिएंट के रूप में नहीं देखा जा रहा है। हालांकि ये वही वेरिएंट हैं जो कथित तौर पर चीन और एशिया के कुछ हिस्सों में कोविड के मामलों में वृद्धि का कारण बन रहे हैं

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड May 25, 2025 पर 6:18 PM
Covid-19: भारत में सामने आए कोविड के नए NB.1.8.1, LF.7 वेरिएंट, कितने खतरनाक है ये? जानिए लक्षण और बचाव के उपाय
भारत में नए उभरते कोविड-19 वेरिएंट NB.1.8.1 का एक मामला और LF.7 प्रकार के चार मामले सामने आए हैं

Covid-19 NB.1.8.1 and LF.7 Variants: भारत में कोविड-19 के नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 के मामले सामने आए हैं। भारत में कोविड के विभिन्न वेरिएंट पर रिसर्च करने वाली संस्था INSACOG के आंकड़ों के अनुसार, भारत में नए उभरते कोविड-19 वेरिएंट NB.1.8.1 का एक मामला और LF.7 प्रकार के चार मामले सामने आए हैं। बता दें कि यह वही वेरिएंट है जो वर्तमान में चीन और एशिया के कुछ हिस्सों में कोविड के मामलों में उछाल के लिए जिम्मेदार हैं। ये वेरिएंट WHO की निगरानी में हैं। सबसे प्रमुख बात ये है कि NB.1.8.1 वेरिएंट में संक्रमण को तेजी से बढ़ाने और इम्युनिटी से बचने की क्षमता है जो इसे खतरनाक बनाता है।

हाल के दिनों में देश के कई क्षेत्रों में कोविड के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। दिल्ली में 23 नए मामले दर्ज किए गए, आंध्र प्रदेश में पिछले 24 घंटों में चार मामले सामने आए, तेलंगाना में एक कोविड पॉजिटिव की पुष्टि हुई है। मई में अकेले केरल में 273 मामले सामने आए है।

LF.7 और NB.1.8.1 सबवेरिएंट क्या हैं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने LF.7 और NB.1.8.1 सबवेरिएंट को निगरानी में रखे जाने वाले वेरिएंट के रूप में माना है। हालांकि अभी तक इसे चिंताजनक वेरिएंट के रूप में नहीं देखा जा रहा है। हालांकि ये वे वेरिएंट हैं जो कथित तौर पर चीन और एशिया के कुछ हिस्सों में कोविड के मामलों में वृद्धि का कारण बन रहे हैं। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के डेटा के अनुसार, अप्रैल में तमिलनाडु में NB.1.8.1 वेरिएंट का एक मामला सामने आया था, जबकि मई में गुजरात में LF.7 वेरिएंट के चार मामले सामने आए थे। WHO का प्रारंभिक मूल्यांकन NB.1.8.1 वेरिएंट को कम वैश्विक स्वास्थ्य जोखिम वाला मानता है। हालांकि इसके स्पाइक प्रोटीन उत्परिवर्तन- A435S, V445H, और T478I अन्य वेरिएंट की तुलना में उच्च संक्रामकता और प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता का संकेत देते हैं।

वैसे भारत में JN.1 वेरिएंट सबसे ज्यादा फैला हुआ है, जिसकी जांच किए गए नमूनों में 53% हिस्सेदारी है। इसके बाद BA.2 26% और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज की हिस्सेदारी 20% है।

NB.1.8.1 के लक्षण क्या हैं?

गले में खराश, थकान, हल्की खांसी, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, नाक बंद होना, लगातार कम-ग्रेड हाइपरथर्मिया(शरीर का तापमान बढ़ जाना, सामान्य बुखार से अलग), सिरदर्द, मतली आना, भूख न लगना ये कुछ प्रमुख लक्षण है जिनसे NB.1.8.1 वेरिएंट की पहचान की जा सकती है। इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं।

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