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दादासाहेब भगत: 10वीं पास युवक जिसने बनाया भारत का ‘Canva’, कभी इंफोसिस में करते थे 9,000 की नौकरी

महाराष्ट्र के बीड जिले के छोटे से गांव से निकले दादासाहेब भगत की कहानी एक मिसाल है। एक ऐसा युवा जिसने महज 9000 रुपये की सैलरी वाली नौकरी से शुरुआत की और आज अपनी खुद का स्टार्टअप खड़ा कर दिया है। दादासाहेब भगत ने “Design Template" नाम से एक डिजाइन प्लेटफॉर्म बनाया है, जो कैनवा (Canva) जैसे विदेशी कंपनियों को टक्कर दे रहा है

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Oct 16, 2025 पर 3:34 PM
दादासाहेब भगत: 10वीं पास युवक जिसने बनाया भारत का ‘Canva’, कभी इंफोसिस में करते थे 9,000 की नौकरी
दादासाहेब भगत: 10वीं पास युवक जिसने बनाया भारत का ‘Canva’

कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हों, तो मंजिल कितनी भी दूर क्यों न हो, मिल ही जाती है। महाराष्ट्र के बीड जिले के एक छोटे से गांव से निकलकर दादासाहेब भगत ने यह बात सच कर दिखाई। कभी 9,000 रुपये के महीने की नौकरी करने वाले दादासाहेब ने आज अपनी खुद का सफल स्टार्टअप खड़ा कर दिया है। दादासाहेब भगत ने “Design Template" नाम से एक डिजाइन प्लेटफॉर्म बनाया है, जो कैनवा (Canva) जैसे विदेशी सॉफ्टवेयर को टक्कर दे रहा है।

बीड का इलाका हमेशा से सूखे और बेरोजगारी के लिए जाना जाता है। दादासाहेब का परिवार किसान था, लेकिन खेती से गुजर-बसर मुश्किल थी। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी और पढ़ाई भी बस एक औपचारिकता मानी जाती थी। उन्होंने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की और फिर एक ITI कोर्स किया, ताकि कोई नौकरी मिल सके। ITI का कोर्स आमतौर पर फैक्ट्रियों में काम करने या ब्लू-कॉलर नौकरियों के लिए होता है।

पढ़ाई पूरी करने के बाद वे पुणे पहुंचे और 4,000 रुपये महीने की नौकरी करने लगे। लेकिन वे जानते थे कि इस नौकरी से न तो परिवार की हालत सुधरेगी और न ही उनका भविष्य।

कुछ समय बाद उन्हें इंफोसिस (Infosys) में ऑफिस बॉय की नौकरी मिली। सैलरी 9,000 रुपये थी। उस समय उनके लिए यह बड़ी बात थी। इस नौकरी में उन्हें झाड़ू-पोछा करना, मेहमानों को चाय देना और ऑफिस में छोटे-मोटे काम करने होते थे।

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