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कुत्ते ने भौंक-भौंक कर बचा ली 67 लोगों की जान, कुछ ही पल में भूस्खलन में तबाह हो गया हिमाचल का ये पूरा गांव

Himachal Pradesh Monsoon: सियाठी के रहने वाले नरेंद्र ने बताया कि उनके घर की दूसरी मंजिल पर सो रहा कुत्ता अचानक जोर-जोर से भौंकने लगा और आधी रात के आसपास तेज बारिश के कारण रोने लगा। बचे हुए लोग अब त्रियंबला गांव में बने नैना देवी मंदिर में पिछले सात दिनों से शरण लिए हुए हैं। इस बीच, इस त्रासदी के कारण कई ग्रामीण ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन से पीड़ित हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 08, 2025 पर 5:55 PM
कुत्ते ने भौंक-भौंक कर बचा ली 67 लोगों की जान, कुछ ही पल में भूस्खलन में तबाह हो गया हिमाचल का ये पूरा गांव
Himachal Monsoon Rain: कुत्ते ने भौंक-भौंक कर बची ली 67 लोगों की जान, कुछ ही पल में लैंड स्लाइड में तबाह हो गया हिमाचल का ये पूरा गांव

हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश ने कहर भरपा रखा है, जिससे भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की प्राकृतिक आपदाएं हो रही हैं। इसी बीच, मंडी जिले के एक गांव के लोगों के लिए एक लिए कुत्ता वरदान साबित हुआ, जिसके भौंकने की आवाज ने खतरे की घंटी बजा दी, जिससे 20 परिवारों के 67 लोगों को समय रहते जान बच गई और वे सभी वहां से निकल पाए। ये मामला 30 जून की आधी रात का है, जब रात के करीब 1 बजे मंडी के धरमपुर इलाके का पूरा सियाठी गांव मलबे में तब्दील हो गया।

सियाठी के रहने वाले नरेंद्र ने बताया कि उनके घर की दूसरी मंजिल पर सो रहा कुत्ता अचानक जोर-जोर से भौंकने लगा और आधी रात के आसपास तेज बारिश के कारण रोने लगा।

नरेंद्र ने बताया, "मैं भौंकने की आवाज सुनकर जाग गया। जब मैं उसके पास गया तो मैंने देखा कि घर की दीवार में एक बड़ी दरार आ गई है और पानी अंदर आने लगा है। मैं कुत्ते को लेकर नीचे भागा और सभी को जगाया।"

नरेंद्र ने गांव के गांव के लोगों को जगाया और उन्हें सुरक्षित जगहों पर भागने के लिए कहा। बारिश इतनी तेज थी कि लोग अपना सब कुछ छोड़कर शरण लेने के लिए निकल पड़े। कुछ ही देर बाद गांव में भूस्खलन हुआ और करीब एक दर्जन घर जमींदोज हो गए। गांव में अब केवल चार-पांच घर ही दिखाई दे रहे हैं, बाकी सभी भूस्खलन के मलबे में दबे हुए हैं।

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