हमारे देश में बैल और सांड़ को लेकर कई कहावतें और कहानियां प्रचलित हैं। जहां बैल को ईमानदारी और मेहनत का प्रतीक माना जाता है, वहीं सांड़ को ताकत और गुस्से की जीती-जागती मिसाल समझा जाता है। दिलचस्प बात ये है कि ये दोनों ही गाय के एक ही नर बच्चे यानी बछड़े के अलग-अलग रूप होते हैं। गांवों में लोग अक्सर इस फर्क को जानते हैं, लेकिन शहरी इलाकों में ज्यादातर लोगों को बस इतना ही पता होता है कि दोनों का रिश्ता गाय से है। दरअसल, इंसान ने अपनी खेती-बाड़ी और जरूरतों के हिसाब से बछड़े को बैल बना दिया ताकि वो आज्ञाकारी होकर खेत जोते।