कभी-कभी एक सामान्य सा सफर भी ऐसा मोड़ ले लेता है, जहां हर मिनट एक नई लड़ाई बन जाती है। दिल्ली से अपने घर देवरिया लौट रहे अनिल कुमार को क्या पता था कि उनका ये सफर एक डरावने किस्से में बदल जाएगा। 35 वर्षीय अनिल, जो दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, आनंद विहार से लिच्छवी एक्सप्रेस में सवार हुए थे। गाजियाबाद पहुंचते ही वे शौचालय गए, लेकिन अंदर उनकी तबीयत बिगड़ गई और वो वहीं फंसे रह गए। बाहर लोग खटखटाते रहे, अंदर से कोई जवाब नहीं मिला।