आज के समय में आम आदमी के लिए पढ़ाई और इलाज दो सबसे बड़ी चुनौतियां बन चुकी हैं। खासकर मिडिल क्लास परिवारों के लिए बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाना अब किसी जंग से कम नहीं है। नौकरीपेशा व्यक्ति की पूरी सैलरी सिर्फ बच्चों की फीस, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य जरूरी चीजों में ही खत्म हो जाती है। जिनकी आमदनी थोड़ी कम है, उनके लिए प्राइवेट स्कूल बस एक सपना बनकर रह गए हैं। फीस तो लाखों में है ही, ऊपर से हर साल किताबें, ड्रेस और बैग के नाम पर अलग से खर्चा।