"क्या आप लखनऊ के नवाब हैं?" — आज यह सवाल मज़ाक या ताने के रूप में लिया जा सकता है। लेकिन इसके पीछे एक शानदार इतिहास छिपा है, जिसमें बेशुमार शाही ठाठ-बाठ, सांस्कृतिक भव्यता और विलासिता की असली झलक मिलती है। अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह का नाम आज भी अपार दौलत और शानदार लाइस्टाइल के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है। उनकी संपत्ति का अनुमान आज की कीमतों के हिसाब से हजारों करोड़ रुपये में लगाया जाता है।