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History Of Piggy Banks: कब और कैसे गुल्लक को मिला Piggy नाम, क्यों बना सेविंग का ग्लोबल आइकन

History Of Piggy Banks: हर किसी ने बचपन में गुल्लक में सिक्के जमा किए होंगे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसे “पिगी बैंक” क्यों कहा जाता है? आखिर बचत से जुड़ी इस छोटी सी चीज का नाम सूअर से क्यों जोड़ दिया गया? इसके पीछे की कहानी जानकर आप हैरान रह जाएंगे

Anchal Jhaअपडेटेड Sep 06, 2025 पर 3:46 PM
History Of Piggy Banks: कब और कैसे गुल्लक को मिला Piggy नाम, क्यों बना सेविंग का ग्लोबल आइकन
History Of Piggy Banks: भारत में बचपन से ही बचत की पहचान "गुल्लक" से होती रही है।

पैसा जिंदगी में कितना जरूरी है, ये बात किसी को समझाने की नहीं है। हर इंसान जन्म से लेकर बुढ़ापे तक किसी न किसी तरह पैसा कमाने और बचाने की कोशिश करता है। इसी वजह से बच्चों को भी छोटी उम्र से ही सेविंग की आदत सिखाई जाती है। यही कारण है कि लगभग हर घर में गुल्लक या पिगी बैंक जरूर दिखाई देता है। सिक्के डालते हुए हर किसी ने बचपन में गुल्लक तोड़ने का मजा लिया होगा। लेकिन कभी आपने गौर किया है कि इसे गुल्लक  तो समझ में आता है, पर आखिर इसे "पिगी बैंक" क्यों कहा जाता है?

क्या वाकई इसका रिश्ता सूअर से है या फिर इसके पीछे कोई और दिलचस्प कहानी छिपी है? आइए जानते हैं गुल्लक और पिगी बैंक का असली इतिहास, जिसकी कहानी उतनी ही अनोखी है जितनी कि बचत करने की आदत।

मिट्टी के बर्तनों से गुल्लक तक का सफर

मध्यकालीन समय में धातु मिलना आसान नहीं था, इसलिए लोग मिट्टी के बर्तनों का ही ज्यादा इस्तेमाल करते थे। इंग्लैंड में एक खास किस्म की मिट्टी को Pygg (पग) क्ले कहा जाता था। लोग इसी मिट्टी से बने बर्तनों में पैसे जमा करने लगे। इन्हें Pygg Pots कहा जाता था। यही बर्तन धीरे-धीरे गुल्लक के शुरुआती रूप में मशहूर हो गए।

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