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Pink Moon 2025: 'पिंक मून' की चमक से सजेगा आसमान, 13 अप्रैल को न करें इसे मिस

Pink Moon 2025: इस बार की पिंक मून को 'माइक्रोमून' कहा जा रहा है क्योंकि यह उस समय घटेगी जब चंद्रमा पृथ्वी से अपनी सबसे दूर की कक्षा में होगा। इसी कारण यह चंद्रमा आकार में थोड़ा छोटा और चमक में सामान्य पूर्णिमा की तुलना में कुछ कम दिखाई देगा, लेकिन फिर भी देखने लायक रहेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 12, 2025 पर 12:17 PM
Pink Moon 2025: 'पिंक मून' की चमक से सजेगा आसमान, 13 अप्रैल को न करें इसे मिस
Pink Moon 2025: इस बार 'पिंक मून' को 'माइक्रोमून' भी कहा जा रहा है

इस सप्ताह के अंत में एक अद्भुत खगोलीय घटना का अनुभव होने वाला है, जिसे देखने का मौका देशभर के लोग पा सकेंगे। रविवार, 13 अप्रैल को रात के आसमान में 'पिंक मून' का शानदार दृश्य दिखाई देगा, जो वसंत ऋतु की पहली पूर्णिमा का प्रतीक है। हालांकि इसका नाम 'पिंक' होने के बावजूद चंद्रमा गुलाबी नहीं होगा, ये नाम वसंत में खिलने वाले गुलाबी जंगली फूल 'फ्लॉक्स' के कारण पड़ा है। ये खगोलीय घटना सुबह 5:00 बजे भारतीय समयानुसार देखी जा सकेगी, और ये एक खास अनुभव होगा। इस बार की 'पिंक मून' को 'माइक्रोमून' भी कहा जा रहा है।

क्योंकि ये चंद्रमा पृथ्वी से अपनी सबसे दूर स्थित पर होगा, जिसके कारण ये सामान्य से थोड़ा छोटा और कम चमकीला दिखेगा। इस खगोलीय शो को देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी, और ये बिना किसी रुकावट के नजर आएगा।

'पिंक मून' क्या है?

'पिंक मून' वसंत ऋतु की पहली पूर्णिमा को कहा जाता है। इसके नाम से भ्रम हो सकता है कि चंद्रमा गुलाबी रंग में होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, इसका नाम वसंत में खिलने वाले गुलाबी जंगली फूल 'फ्लॉक्स' के नाम पर रखा गया है, जो मौसम के बदलाव का संकेत देते हैं।

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