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30 सितंबर को रिटायर होंगी सुरेखा यादव, देश की पहली महिला लोको पायलट को आनंद महिंद्रा ने दी बधाई

देश ही नहीं एशिया की पहली महिला लोको पायलट इस महीने की 30 तारीख को 36 साल की सेवा के बाद रिटायर हो जाएंगी। वह ऐसे समय में लोको पायलट बनीं, जब इस फील्ड में दूर-दूर तक कोई महिला नहीं थी। उनकी इस उपलब्धि मश्हूर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी बधाई दी है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 19, 2025 पर 9:46 PM
30 सितंबर को रिटायर होंगी सुरेखा यादव, देश की पहली महिला लोको पायलट को आनंद महिंद्रा ने दी बधाई
एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर, सुरेखा यादव, 36 वर्षों की सेवा के बाद 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होंगी।

देश ही नहीं एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव का ट्रेन चलाने का सफर आसान नहीं रहा। एक ऐसी फील्ड जिसमें हमेशा से पुरुषों का दबदबा रहा हो, वहां एशिया की पहली महिला पायलट के तौर पर काम करना कितना मुश्किल रहा होगा, ये सिर्फ सुरेखा ही जानती हैं। लेकिन अपनी हिम्मत और मेहनत के साथ ही परिवार के प्रोत्साहन ने इस सफर को आसान बना दिया।

1989 में भारतीय रेलवे में भरती हुईं सुरेखा का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ। उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी आने वाले सफर की। वो सफर जिसमें उन्हें भारतीय रेलवे की हर प्रकार की ट्रेन चलाने के साथ ही देश की पहली वंदे भारत ट्रेन चलाने का भी सम्मान मिलेगा। 36 साल तक भारतीय रेल की सेवा के बाद सुरेखा 30 सितंबर को रिटायर हो जाएंगी। मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि यादव 1989 में भर्ती होने के बाद अगले वर्ष सहायक चालक बनीं और उन्होंने एशिया की पहली महिला ट्रेन चालक बनकर इतिहास रच दिया।

मध्य रेलवे ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर, सुरेखा यादव, 36 वर्षों की शानदार सेवा के बाद 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होंगी। एक सच्ची पथप्रदर्शक, उन्होंने बाधाओं को तोड़ा, अनगिनत महिलाओं को प्रेरित किया और साबित किया कि किसी भी सपने को पूरा किया जा सकता है। उनकी यात्रा हमेशा भारतीय रेलवे में महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बनी रहेगी।’

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