1960 में एक फिल्म आई थी ‘अपना घर’। इसमें एक गाना था ‘आराम है हराम’। बेंगलुरु के युवाओं ने लगता है कि इसे कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया है। कम से कम रेडिट पर हाल ही में वायरल हुई इस पोस्ट को देखकर तो कोई भी यही कहेगा। वैसे भी हमारे देश में हफ्ते में 70 घंटे काम करने पर पहले से ही बहस छिड़ी हुई है। संदीप वंगा रेड्डी से शिफ्ट में काम करने की बात कह कर दीपिका पादुकोण बॉलीवुड को पहले इस लपेटे में ले चुकी हैं। अब ये ताजा मामला बेंगलुरु का है, जिसमें एक सिनेमा हॉल में लैपटॉप ऑन कर और हेडफोन लगाकर बैठी महिला की फोटो वायरल हो रही है।