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Solar Eclipse 2025: क्या 2 अगस्त को होगा सूर्य ग्रहण, जानें क्या कहते हैं खगोलशास्त्री

Solar Eclipse 2025: खगोल शास्त्रियों ने स्पष्ट किया है कि 2 अगस्त 2025 को कोई सूर्य ग्रहण नहीं होने वाला है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों का ध्यान 21 सितंबर 2025 को होने वाले अगले आंशिक सूर्य ग्रहण की तरफ खींचा है। इसे दक्षिणी ध्रुव के आसपास के चुनिंदा क्षेत्रों में देखा जा सकेगा।

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 01, 2025 पर 8:21 PM
Solar Eclipse 2025: क्या 2 अगस्त को होगा सूर्य ग्रहण, जानें क्या कहते हैं खगोलशास्त्री

इंटरनेट पर एक तरफ जहां अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त को होने पर खूब चर्चा हो रही है। वहीं, खगोल शास्त्रियों ने आगे बढ़ कर इस पूरे मामले पर स्थिति साफ की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि 2 अगस्त 2025 को कोई सूर्य ग्रहण नहीं होने वाला है। इसके साथ उन्होंने लोगों का ध्यान अगली आकाशीय घटना की तरफ भी खींचा है, जो 21 सितंबर 2025 को होगी। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसे दक्षिणी ध्रुव के आसपास के क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X और TikTok पर ट्रेंड कर रही पोस्ट के बीच लोगों में तथ्यों की जांच और गलत जानकारी पर बहस छिड़ गई है।

क्या सच में होगा 2 अगस्त को सूर्य ग्रहण?

हाल के हफ्तों में इंटरनेट पर ‘क्या 2 अगस्त 2025 को होगा सूर्य ग्रहण?’ जैसे सवाल बढ़े हैं, जिन्हें वायरल हैशटैग और मीम्स से बढ़ावा मिला है। हालांकि खगोलशास्त्रियों ने पुष्टि की है कि इस साल के वैश्विक कैलेंडर में 2 अगस्त को न कोई ग्रहण नहीं है, न सूर्य ग्रहण और न चंद्र ग्रहण। यह कंफ्यूजन संभवत: भविष्य में 2 अगस्त 2027 को होने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण को लेकर उपजी जिज्ञासा के कारण हुआ है, एक नाटकीय घटना जिसे भारत सहित अन्य पूर्वी गोलार्ध में देखा जा सकेगा।

क्या 2 अगस्त 2025 को होगा सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण?

नहीं, 2 अगस्त 2025 को सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण नहीं होगा, बल्कि इस दिन कोई ग्रहण ही नहीं होगा। यह दुविधा बड़े पैमाने पर है, मगर खगोलशास्त्रियों ने स्पष्ट किया है कि 2 अगस्त 2025 को कोई सूर्य ग्रहण नहीं है। लोग जिस सूर्य ग्रहण की बात कर रहे हैं वो 2 अगस्त 2027 को होगा। इस सूर्य ग्रहण में 6.23 मिनट के लिए चंद्रमा पूरी तरह से सूरज को ढक लेगा और धरती पर अंधेरा हो जाएगा। इसे ‘सदी का ग्रहण’ भी बताया जा रहा है।

क्या होता है सूर्य ग्रहण में?

सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है। ग्रहण के दौरान जब चंद्रमा, सूरज और धरती के बीच आ जाता है, तो सूरज की रोशनी धरती पर नहीं पड़ती, या चांद रोशनी रोक लेता है। इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह आंशिक, पूर्ण या कुंडलाकार (एन्युलर) होता है। 21 सितंबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जब सूरज खूबसूरत अर्धचंद्राकार रूप में दक्षिणी गोलार्ध के चुनिंदा क्षेत्रों में दिखाई देगा।

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