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Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने 'नेशनल इमर्जेंसी' लगाई, आखिर अमेरिका को इसकी जरूरत क्यों पड़ी?

अमेरिकी इकोनॉमी पर नजर रखने वाले इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि ट्रंप के इस कदम से अमेरिका को नफा से ज्यादा नुकसान होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के लिए 1977 के इंटरनेशनल इमर्जेंसी इकोनॉमी पावर्स एक्ट का इस्तेमाल किया है। उन्होंने इसे नेशनल इमर्जेंसी बताया

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Apr 03, 2025 पर 3:06 PM
Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने 'नेशनल इमर्जेंसी' लगाई, आखिर अमेरिका को इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
एग्जिक्यूटिव ऑर्डर से ट्रंप को इस टैरिफ को बढ़ाने का भी अधिकार मिल गया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1.2 लाख करोड़ डॉलर के ट्रेड डेफिसिट को खत्म करने के लिए नेशनल इकोनॉमिक इमर्जेंसी लगाई है। उन्होंने 2 अप्रैल को करीब 180 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया। बजट लैब के मुताबिक, यह 1872 के बाद सबसे ज्यादा टैरिफ है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब वेटेड एवरेज टैरिफ बढ़कर 29 फीसदी हो गया है। अमेरिका ने न्यूनतम 10 फीसदी से लेकर मैक्सिमम 50 फीसदी तक टैरिफ लगाया है। ट्रंप के इस ऐलान ने दुनियाभर में तहलका मचाया है।

 1977 के इंटरनेशनल इमर्जेंसी इकोनॉमी पावर्स एक्ट का इस्तेमाल 

अमेरिकी इकोनॉमी पर नजर रखने वाले इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि ट्रंप (Donald Trump) के इस कदम से अमेरिका को नफा से ज्यादा नुकसान होगा। यहां तक कि अमेरिकी इकोनॉमी के रिसेशन में जाने तक की आशंका जताई जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) लगाने के लिए 1977 के इंटरनेशनल इमर्जेंसी इकोनॉमी पावर्स एक्ट का इस्तेमाल किया है। उन्होंने इसे नेशनल इमर्जेंसी बताया। उन्होंने कहा कि हमारे देश और इसके लोगों को 50 साल से ज्यादा समय से नुकसान झेलना पड़ा है।

1997 से 2004 के बीच मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी 50 लाख नौकरियां खत्म हुई

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