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अब यूरोप में पासपोर्ट पर नहीं लगेगी मुहर, EU ने शुरू किया नया डिजिटल एंट्री-एग्जिट सिस्टम, भारतीय यात्रियों के लिए ये होंगे बदलाव

Europe Travel: इस सिस्टम में फिंगरप्रिंट, फोटो और पासपोर्ट जैसे बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत डेटा रिकॉर्ड किए जाएंगे। इससे अधिकारियों के लिए यह जानना आसान हो जाएगा कि कोई यात्री शेंगेन क्षेत्र में कितने समय तक रुका है और क्या उसने अपने वीजा की समय सीमा का उल्लंघन किया है

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Oct 14, 2025 पर 4:58 PM
अब यूरोप में पासपोर्ट पर नहीं लगेगी मुहर, EU ने शुरू किया नया डिजिटल एंट्री-एग्जिट सिस्टम, भारतीय यात्रियों के लिए ये होंगे बदलाव
ब हर बार जब कोई गैर-EU यात्री शेंगेन जोन में प्रवेश करेगा या बाहर निकलेगा, तो उनकी जानकारी डिजिटल रूप से लॉग की जाएगी

Europe New Passport System: अगर आप यूरोप की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ा अपडेट है। यूरोपीय संघ (EU) ने आखिरकार अपना एग्जिट सिस्टम (EES) औपचारिक रूप से शुरू कर दिया है। यह एक नया डिजिटल बॉर्डर कंट्रोल सिस्टम है जो धीरे-धीरे पासपोर्ट पर मुहर लगाने की प्रक्रिया को खत्म कर देगा। आइए आपको बताते हैं क्या है ये नया सिस्टम और इसका क्या होगा असर।

क्या है EES और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

एंट्री/एग्जिट सिस्टम (EES) एक सेंट्रलाइज्ड, ऑटोमेटिक प्लेटफॉर्म है जिसे गैर-यूरोपीय नागरिकों की शेंगेन क्षेत्र में आवाजाही को रिकॉर्ड और ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह EU द्वारा दशकों में किए गए सबसे बड़े सीमा नियंत्रण सुधारों में से एक है। अब हर बार जब कोई गैर-EU यात्री शेंगेन जोन में प्रवेश करेगा या बाहर निकलेगा, तो उनकी जानकारी डिजिटल रूप से लॉग की जाएगी।

इस सिस्टम में फिंगरप्रिंट, फोटो और पासपोर्ट जैसे बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत डेटा रिकॉर्ड किए जाएंगे। इससे अधिकारियों के लिए यह जानना आसान हो जाएगा कि कोई यात्री शेंगेन क्षेत्र में कितने समय तक रुका है और क्या उसने अपने वीजा की समय सीमा का उल्लंघन किया है। नए सिस्टम से EU का लक्ष्य बॉर्डर पर पहचान की धोखाधड़ी को कम करना और आतंकवादियों/अवैध प्रवासियों को शेंगेन क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकना है।

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