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H-1B वीजा पॉलिसी पर घिरे ट्रंप! वाशिंगटन, न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया समेत 20 राज्य पहुंचे कोर्ट

Trump's H-1B Visa Policy: कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा की फीस को कई गुना बढ़कर $1 लाख करने का ऐलान किया था। यह मामला पहले से ही कोर्ट में जा चुका है और अब 20 राज्यों ने ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। जानिए किन राज्यों ने मुकदमा किया है

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Dec 13, 2025 पर 2:06 PM
H-1B वीजा पॉलिसी पर घिरे ट्रंप! वाशिंगटन, न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया समेत 20 राज्य पहुंचे कोर्ट
Trump's H-1B Visa Policy: कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बॉन्टा (Rob Bonta) की अगुवाई में अमेरिका के 20 राज्यों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को चुनौती दी है।

Trump's H-1B Visa Policy: कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बॉन्टा (Rob Bonta) की अगुवाई में अमेरिका के 20 राज्यों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को चुनौती दी है। अमेरिका के 20 राज्यों ने सितंबर में जारी ट्रंप के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें नए H-1B वीजा की फीस बढ़ाकर $1 लाख कर दी गई। अमेरिकी राज्यों ने इस नीति को गैरकानूनी बताया और कहा कि यह आम लोगों के लिए जरूरी सर्विसेज के लिए सही नहीं है। राज्यों का कहना है कि ट्रंप सरकार ने फेडरल लॉ के तहत अपनी अधिकार सीमा से बाहर जाकर यह फैसला किया, एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसीजर एक्ट का उल्लंघन किया और कांग्रेस को दरकिनार किया। एच-1बी वीजा की बढ़ी हुई फीस केवल 21 सितंबर 2025 के बाद दाखिल किए गए नए एप्लीकेशन पर लागू होगा।

क्या दलील दी गई है याचिका में?

H-1B प्रोग्राम के जरिए अमेरिकी कंपनियां टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और एडुकेशन जैसे खास फील्ड में विदेशी प्रोफेशनल्स को नियुक्त करती हैं। बॉन्टा का कहना है कि दसियों हजार एडुकेटर्स और हेल्थकेयर इन वीजा पर निर्भर हैं और इसकी फीस बढ़ने पर अहम फील्ड में लेबर शॉर्टेज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कैलिफोर्निया को दुनिया भर की स्किल टैलेंट से सपोर्ट मिलता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एच-1बी वीजा की फीस बढ़ाकर $1 लाख कर दी जो कैलिफोर्निया के पब्लिक एंप्लॉयर्स औरक अन्य प्रमुख सेक्टर की कंपनियों पर गैरजरूरी और गैरकानूनी बोझ डालता है, जिससे प्रमुख सेक्टर्स में लेबर शॉर्टेज बढ़ सकती है। यह मामला पहले ही यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स, यूनियनों और एंप्लॉयर ग्रुप की तरफ से कोर्ट पहुंच चुका है।

बता दें कि एच-1बी वीजा के लिए एंप्लॉयर्स को अभी $960-$7,595 देना होता है। अब ट्रंप ने इसे बढ़ाकर $1 लाख करने का फैसला किया है। इस फैसले के विरोधियों का कहना है कि फीस बढ़ाने के चलते विदेशी टैलेंट पर निर्भर सेक्टर्स को इस फैसले को झटका लगेगा तो इस फैसले के समर्थकों का कहना है कि यह फैसला एच-1बी वीजा के दुरुपयोग को रोकने के लिए जरूरी कदम है।

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