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Farming Tips: 1 लीटर गोमूत्र बना वरदान! सूखे खेत में फिर खिल उठे नींबू के पौधे!

Farming Tips: राजस्थान के सिकराय के किसान गिर्राज प्रसाद मीणा ने अपने नींबू के बगीचे को बचाने के लिए गोमूत्र से कीटनाशक तैयार किया, जिसने उनके खेत की सेहत और उपज दोनों बढ़ा दीं। उनका ये देसी नुस्खा इलाके के किसानों के लिए प्रेरणा बन गया है, जो जैविक खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 30, 2025 पर 2:49 PM
Farming Tips: 1 लीटर गोमूत्र बना वरदान! सूखे खेत में फिर खिल उठे नींबू के पौधे!
lemon farming: गिर्राज मीणा का ये प्रयास अब सिकराय और आसपास के गांवों में मिसाल बन चुका है

राजस्थान के सिकराय इलाके में खेती की नई कहानी लिखी जा रही है। यहां के किसान गिर्राज प्रसाद मीणा ने अपने नींबू के बगीचे को बचाने के लिए एक ऐसा देसी तरीका अपनाया, जिसने सभी को चौंका दिया। उन्होंने रासायनिक दवाओं और महंगे कीटनाशकों का सहारा लेने के बजाय गोमूत्र से फसलों की रक्षा करने का रास्ता चुना। इस प्रयोग ने न केवल उनके खेत की सेहत सुधारी बल्कि मिट्टी को भी दोबारा उपजाऊ बना दिया। अब उनके नींबू के पेड़ पहले से ज्यादा हरे-भरे और फलदार हो गए हैं।

गिर्राज मीणा का ये नवाचार इलाके के किसानों के लिए प्रेरणा बन गया है। अब कई किसान उनसे सीखकर गोमूत्र आधारित जैविक खेती की ओर रुख कर रहे हैं। उनका मानना है कि जब प्रकृति में हर समस्या का समाधान मौजूद है, तो रासायनिक ज़हरों की जरूरत ही क्या है।

रासायनिक दवाओं से दूरी

गिर्राज मीणा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि वो पूरी तरह जैविक खेती करते हैं। वे किसी भी तरह के रासायनिक कीटनाशक या दवाओं का इस्तेमाल नहीं करते। जब नींबू के पेड़ों पर कीड़े-मकोड़ों ने हमला किया, तो उन्होंने एक देसी उपाय खोजा गाय का गोमूत्र। उन्होंने 15 लीटर पानी में 1 लीटर गोमूत्र मिलाकर नियमित रूप से पेड़ों पर छिड़काव करना शुरू किया।

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