किसान सालों से धान, गेहूं और मक्का जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करते आ रहे हैं। ये फसलें हमेशा उनकी आमदनी का मुख्य स्रोत रही हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मौसम की अनिश्चितताओं ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। कभी बारिश कम पड़ती है तो कभी बहुत अधिक, कभी सूखा तो कभी बाढ़, इन प्राकृतिक आपदाओं की वजह से फसलें बर्बाद हो जाती हैं और किसान भारी नुकसान झेलते हैं। इसी कारण किसान अब जोखिम कम करने और बेहतर मुनाफा कमाने के लिए नई, लाभकारी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसी फसलें न केवल कम समय में तैयार होती हैं, बल्कि कम लागत में भी अच्छी आय देती हैं।
