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Dev deepawali 2025: 5 नवंबर के दिन इतने दीयों से रोशन करें अपना घर, जानें देव दीपावली में दीयों की संख्या का महत्व

Dev deepawali 2025: कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है। इस दिन गंगा घाट पर ढेरों दीये जलाकर उत्सव मनाते हैं। इस साल ये पर्व 5 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन अपने घर में भी दीये जलाने की परंपरा है। आइए जानें इस दिन घर में कितने दीये जलाने शुभ होते हैं?

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 04, 2025 पर 11:42 AM
Dev deepawali 2025: 5 नवंबर के दिन इतने दीयों से रोशन करें अपना घर, जानें देव दीपावली में दीयों की संख्या का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली पर घर में 51 दीपक जलाना पूर्णता का प्रतीक है।

Dev deepawali 2025: कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने इस दिन त्रिपुरासुर का वध कर समस्त सृष्टि को उसे अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी। इसके बाद सभी देवी-देवताओं ने धरती पर आकर गंगा स्नान किया था और गंगा तट पर असंख्य दीप जलाए थे। तभी से कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपक जलाने और देव दीपावली के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है। भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर को समाप्त करने की वजह से कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुर पूर्णिमा या त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। देव दीपावली के दिन हरिद्वार और काशी में विशेष आयोजन होते हैं और इस दिन गंगा घाट असंख्य दीपों की रोशनी से जगमगा उठते हैं। इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।

देव दीपावली का महत्व

देव दीपावली का दिन चातुर्मास व्रत की समाप्ति का प्रतीक भी है। इसके अलावा, माना जाता है कि भगवान शिव ने इस दिन त्रिपुरासुर का वध किया था, जिससे देवता प्रसन्न होकर पृथ्वी पर आए और दीप जलाकर उत्सव मनाया।

कार्तिक पूर्णिमा तिथि

पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा की तिथि मंगलवार, 4 नवंबर रात 10:36 बजे शुरू होगी और बुधवार, 5 नवंबर शाम 6:48 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर यह पर्व बुधवार को मनाया जाएगा।

प्रदोष काल पूजा मुहूर्त

कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रदोषकाल में पूजा का विशेष महत्व है। बुधवार को शाम 5:15 से 7:50 तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दिन पूजा में सुख-समृद्धि के लिए शिव चालीसा और विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करना चाहिए।

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