Dev deepawali 2025: कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने इस दिन त्रिपुरासुर का वध कर समस्त सृष्टि को उसे अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी। इसके बाद सभी देवी-देवताओं ने धरती पर आकर गंगा स्नान किया था और गंगा तट पर असंख्य दीप जलाए थे। तभी से कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपक जलाने और देव दीपावली के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है। भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर को समाप्त करने की वजह से कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुर पूर्णिमा या त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। देव दीपावली के दिन हरिद्वार और काशी में विशेष आयोजन होते हैं और इस दिन गंगा घाट असंख्य दीपों की रोशनी से जगमगा उठते हैं। इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।
