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Kartik Purnima Kab Hai: कब मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा? जानें भद्रा के बीच कैसे होगा स्नान और दान

Kartik Purnima Kab Hai: कार्तिक पूर्णिमा के पर्व का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। पौराणिक काल से इस दिन गंगा स्नान की परंपरा चली आ रही है। पूर्णिमा के दिन दान करने का भी विशेष महत्व माना जाता है। लेकिन इस शुभ अवसर पर इस साल भद्रा लग रही है। जानें इस अशुभ समय में कैसे होगा पर्व

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 04, 2025 पर 5:15 PM
Kartik Purnima Kab Hai: कब मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा? जानें भद्रा के बीच कैसे होगा स्नान और दान
इस साल कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भद्रा काल रहेगा।

Kartik Purnima Kab Hai: कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान कर्म करने का विशेष महत्व माना जाता है। यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है। इस दिन को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने से जहां भक्त पापमुक्त हो जाते हैं, वहीं इस एक पूर्णिमा पर पूरे साल की पूर्णिमा का पुण्य प्राप्त होता है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भद्रा काल रहेगा। भद्रा को शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और दान किस तरह किया जाएगा। आइए जानें

भद्रा काल का समय और प्रभाव

ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया रहने वाला है। द्रिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भद्रा सुबह 6:36 बजे से शुरू हो कर सुबह 8:44 बजे तक रहेगी। हालांकि, भद्रा पृथ्वी लोक पर ना लगकर स्वर्गलोक में लगेगी। इसलिए किसी भी मांगलिक कार्य पर रोक नहीं लगेगी।

स्नान-दान का मुहूर्त- पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का कार्य ब्रह्म मुहूर्त में किया जाता है। इसका समय सुबह 4:52 बजे से शुरू होकर सुबह 5:44 मिनट तक रहेगा।

प्रदोषकाल देव दिवाली का मुहूर्त : शाम 5:15 बजे से शाम 7:51 मिनट तक रहेगा

तिथि और समय

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 4 नवंबर 2025, रात 10:36 बजे

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