जिले के कई गांवों के खेत अब पपीता और केले की खेती से सज गए हैं। पिछले दस सालों में किसानों ने परंपरागत फसलों जैसे धान और गेहूं से हटकर फलों की खेती अपनानी शुरू की, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई। खासकर पंचदेवरी प्रखंड और कुइसा खुर्द गांव के किसान इस बदलाव के उदाहरण हैं। किसान रामाशंकर पड़ित ने सबसे पहले पपीता और केले की खेती की पहल की, जिससे आसपास के किसानों को भी इस खेती की ओर प्रेरणा मिली। अब जिले में लगभग 70 हेक्टेयर में पपीता और 70 हेक्टेयर में केला की फसल उगाई जा रही है।
