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Wheat Farming Tips: अब फसल खराब होने का डर नहीं, अपनाएं ये आसान उपाय और फंगस से बचाएं गेहूं

Wheat Farming Tips: रबी की मुख्य फसल गेहूं कम लागत में उगाई जाती है और 4-5 बार सिंचाई की जरूरत होती है। हालांकि, फसल फंगस से संक्रमित हो सकती है, जिससे कंडुआ रोग फैलता है। यह दानों को काला कर देता है और उत्पादन घटा देता है। समय पर बीज और मृदा उपचार से इसे रोका जा सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 08, 2025 पर 5:05 PM
Wheat Farming Tips: अब फसल खराब होने का डर नहीं, अपनाएं ये आसान उपाय और फंगस से बचाएं गेहूं
Wheat Farming Tips: 1 किलो बीज के लिए 2 से 2.5 ग्राम कैप्टान, थीरम या बावस्टीन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

रबी की मुख्य फसल गेहूं किसानों के लिए कम लागत में तैयार होने वाली और सर्दियों में प्रमुख पैदावार देने वाली फसल है। इस फसल में आमतौर पर 4 से 5 बार सिंचाई की जरूरत होती है, ताकि दाने पूरी तरह से विकसित हों और उत्पादन अच्छा रहे। फिलहाल किसान गेहूं की बुवाई कर रहे हैं, लेकिन फसल सही देखभाल के बावजूद कभी-कभी फंगस से प्रभावित हो जाती है। फंगस के कारण होने वाला कंडुआ रोग सबसे पहले गेहूं के दानों को प्रभावित करता है। संक्रमित दानों पर काली परत जम जाती है, जिससे दाने काले दिखाई देते हैं और बाद में फटकर काला चूर्ण छोड़ देते हैं। इससे न केवल उत्पादन कम होता है, बल्कि बाजार में गेहूं की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बीज उपचार और मृदा उपचार के माध्यम से कंडुआ रोग से बचाव संभव है। समय पर सही देखभाल और जैविक कीटनाशकों का उपयोग करके किसान अपनी फसल को स्वस्थ रख सकते हैं और बेहतर पैदावार सुनिश्चित कर सकते हैं।

कंडुआ रोग का कारण और फैलाव

कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता लोकल 18 से बोत करते हुए बताते हैं कि, कंडुआ रोग एक फंगस से फैलता है। ये सबसे पहले गेहूं के दानों को प्रभावित करता है और हवा के माध्यम से तेजी से फैलता है। रोग के फैलने से दानों में काली परत बनती है और दाने उत्पादन के योग्य नहीं रहते।

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