Shani Budh Margi 2025: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की हर हरकत अहम होती है। इनका राशि परिवर्तन से लेकर वक्री और मार्गी होना, सब कुछ बहुत महत्वपूर्ण होता है। ग्रहों की चाल का असर जातकों के जीवन पर पड़ने के साथ ही देश-दुनिया की घटनाओं पर भी पड़ता है। ग्रहों के मार्गी या वक्री होने से सभी राशि के जातक प्रभावित होते हैं। ऐसे में ग्रहों के राजकुमार बुध और कर्मफल दाता शनि का एक साथ 500 साल बाद मार्गी होना बहुत अहमियत रखता है। बुध ग्रह का राशि परिवर्तन जहां हर महीने होता है। बुध कन्या राशि में उच्च का और मीन राशि में नीच का माना जाता है। मिथुन और कन्या राशियां इसका स्वामित्व क्षेत्र हैं। दूसरी तरफ, शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। यह एक राशि में ढाई साल तक रहता है और दोबारा उसी राशि में लौटने में लगभग 30 वर्ष का समय लेता है।
