Get App

Budget 2026: पिछले यूनियन बजट में सरकार ने टीडीएस और टीसीएस में दी थी ये दो बड़ी राहत

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194-I के अनुसार, गैर-व्यक्तिगत संस्थाओं यथा कंपनियों, फर्मों और LLPs को सालाना ₹2.4 लाख से अधिक के किराए के भुगतान पर टीडीएस काटना पड़ता था। 1 अप्रैल, 2025 से, यह सीमा बढ़ाकर ₹6 लाख प्रतिवर्ष कर दी गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 08, 2025 पर 8:50 PM
Budget 2026: पिछले यूनियन बजट में सरकार ने टीडीएस और टीसीएस में दी थी ये दो बड़ी राहत
अब वार्षिक किराया ₹6 लाख से अधिक होने पर ही टीडीएस काटना पड़ता है। यह नियम गैर-व्यक्तिगत भुगतानकर्ता (कंपनियां, फर्म, ट्रस्ट, आदि) पर 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो गया है।

सरकार ने यूनियन बजट 2025 में टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) और टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (टीसीएस) के प्रावधानों में बदलाव कर करदाताओं को राहत देने का प्रयास किया था। दो महत्‍वपूर्ण घोषणाएं हुई थी-गैर-व्यक्तिगत करदाताओं के लिए किराए पर टीडीएस छूट की सीमा बढ़ाकर सालाना ₹6 लाख किया गया और शिक्षा ऋण प्रेषण पर टीसीएस को हटा दिया गया । इन बदलावों का मकसद अनुपालन, नकदी प्रवाह को आसान बनाना और कॉर्पोरेट्स और व्यक्तियों पर वित्तीय बोझ को कम करना है।

किराए पर टीडीएस के नए नियम

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194-I के अनुसार, गैर-व्यक्तिगत संस्थाओं यथा कंपनियों, फर्मों और LLPs को सालाना ₹2.4 लाख से अधिक के किराए के भुगतान पर टीडीएस काटना पड़ता था। 1 अप्रैल, 2025 से, यह सीमा बढ़ाकर ₹6 लाख प्रतिवर्ष कर दी गई है, जो प्रति माह ₹50,000 बनती है। पहले वार्षिक किराया ₹2.4 लाख से अधिक होने पर टीडीएस काटा जाता था। अब वार्षिक किराया ₹6 लाख से अधिक होने पर ही टीडीएस काटना पड़ता है। यह नियम गैर-व्यक्तिगत भुगतानकर्ता (कंपनियां, फर्म, ट्रस्ट, आदि) पर 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो गया है।

नए नियमों का फायदा

सब समाचार

+ और भी पढ़ें