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India Budget 2025: वित्तमंत्री ने डिसइनवेस्टमेंट का टारगेट बढ़ाया तो ये PSU स्टॉक्स बन जाएंगे रॉकेट

सरकार पिछले चार साल से लगातार यूनियन बजट में डिसइनवेस्टमेंट का टारगेट घटा रही है। इसके बावजूद वह डिसइनवेस्टमेंट का टारगेट पूरा नहीं कर पा रही है। अनुमान है कि सरकार अगले वित्त वर्ष में IDBI Bank, Shipping Corporation, BEML जैसी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 27, 2025 पर 5:44 PM
India Budget 2025: वित्तमंत्री ने डिसइनवेस्टमेंट का टारगेट बढ़ाया तो ये PSU स्टॉक्स बन जाएंगे रॉकेट
UBS का कहना है कि डिसइनवेस्टमेंट का टारगेट घटाने का सरकार का ट्रेंड यूनियन बजट 2025 में भी जारी रह सकता है।

स्टॉक मार्केट्स की नजरें यूनिन बजट में डिसइनवेस्टमेंट के टारगेट पर लगी हैं। 2020 से ही सरकार का डिसइनवेस्टमेंट यूनियन बजट में तय टारगेट से कम रहा है। 1 फरवरी को सरकार डिसइनवेस्टमेंट का व्यावहारिक टारगेट तय कर सकती है। यह यूनियन बजट 2022 और 2023 में तय डिसइनवेस्टमेंट के टारगेट से कम रह सकता है। यूबीएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस वित्त वर्ष में डिसइनवेस्टमेंट से सरकार अब तक सिर्फ 9,000 करोड़ रुपये जुटा पाई है। यह 50,000 करोड़ रुपये के टारगेट से काफी कम है।

डिसइनवेस्टमेंट का टारगेट बढ़ने की उम्मीद कम

इस वित्त वर्ष में सरकार ने GIC, Cochin Shipyard और Hindustan Zinc में अपनी हिस्सेदारी बेची है। सरकार ने इसके लिए ऑफर फॉर सेल (OFS) रूट का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा सरकार को स्पेसिफायड अंडरटेकिंग ऑफ यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया में हिस्सेदारी की बिक्री से पैसे मिले हैं। एनालिस्ट्स का मानना है कि 1 फरवरी को सरकार डिसइनवेस्टमेंट का बड़ा टारगेट तय नहीं करेगी। ज्यादातर एनालिस्ट्स का मानना है कि टारगेट 30,000-60,000 करोड़ रुपये के बीच रह सकता है।

30000 करोड़ का टारगेट तय हो सकता है

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