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Global Manufacturing PMI: भारत फिर सबसे आगे, इन तीन एशियाई देशों के दम पर दुनिया भर में बढ़ा मैन्युफैक्चरिंग का काम

Global Manufacturing PMI: अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक स्तर की राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद भारत ने अपना दम दिखाया और मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ को लेकर सबसे आगे रहा। भारत समेत एशिया के तीन देशों के दमदार परफॉरमेंस पर अक्टूबर महीने में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में जोरदार तेजी दिखी। जानिए कि पिछला महीने दुनिया भर के लिए कैसा रहा और आगे क्या रुझान है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Nov 05, 2025 पर 3:32 PM
Global Manufacturing PMI: भारत फिर सबसे आगे, इन तीन एशियाई देशों के दम पर दुनिया भर में बढ़ा मैन्युफैक्चरिंग का काम
ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग रैंकिंगस में एक बार फिर भारत ने बाजी मारी है। भारत का एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) सितंबर महीने में 57.7 से बढ़कर अक्टूबर महीने में 59.2 पर पहुंच गया।

Global Manufacturing PMI: भारत, थाईलैंड और वियतनाम जैसे एशियाई देशों में पिछले महीने अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में तेजी दिखी। एसएंडपी ग्लोबल के आंकड़ों के मुताबिक चीन और जापान को छोड़ बाकी देशों के लिए एशिया का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई उछलकर 14 महीने के हाई पर पहुंच गया। इससे मौजूदा कारोबारी तनाव और वैश्विक स्तर पर राजनितिक अनिश्तिताओं के बीच मजबूत रिकवरी के संकेत मिले हैं। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के चीफ बिजनेस इकनॉमिस्ट क्रिस विलियमसन का कहना है कि वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ में एक बार फिर भारत का दबदबा रहा, लेकिन अक्टूबर महीने में थाईलैंड और वियतनाम दोनों में ही तेजी से मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला क्योंकि इन देशों की कंपनियों ने अमेरिकी टैरिफ के असर को लेकर चिंताएं कम होने की संकेत दिया। क्रिस के मुताबिक थाईलैंड का पीएमआई मई 2023 के बाद और वियतनाम का जुलाई 2024 के बाद सबसे ऊंचा रहा।

मैन्युफैक्चरिंग के मामले में भारत ने फिर मारी बाजी

खास बात ये है कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग रैंकिंग्स में एक बार फिर भारत ने बाजी मारी है। भारत का एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) सितंबर महीने में 57.7 से बढ़कर अक्टूबर महीने में 59.2 पर पहुंच गया। इसे फेस्टिव सीजन की मांग और जीएसटी दरों में कटौती से सपोर्ट मिला। सात महीने में यह पांचवी बार है, जब यह इंडेक्स 58 के पार बना हुआ है। इससे वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती का संकेत मिला। इसके 50 के ऊपर होने का मतलब गतिविधियों के विस्तार से है। एचएसबीसी के चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी के मुताबिक जीएसटी रिफॉर्म और हेल्दी डिमांड के दम पर आगे भी कारोबारी माहौल के मजबूत रहने के आसार हैं।

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