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Manufacturing PMI: अक्टूबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग ने पकड़ी रफ्तार, त्योहारी मांग और जीएसटी कटौती से मिला सपोर्ट

October Manufacturing PMI: चालू वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2025 की मजबूत शुरुआत हुई। ऐसे समय में जब आरबीआई ने सुस्ती के आसार जताए हैं, अक्टूबर महीने में देश के कारखानों में काम ने स्पीड पकड़ी। पिछले सात महीने में पांचवी बार मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) इंडेक्स 58 के ऊपर है। चेक करें आंकड़े और भारतीय इकॉनमी को लेकर दिग्गज संस्थाओं का आउटलुक क्या है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Nov 03, 2025 पर 1:03 PM
Manufacturing PMI: अक्टूबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग ने पकड़ी रफ्तार, त्योहारी मांग और जीएसटी कटौती से मिला सपोर्ट
Manufacturing PMI: अक्टूबर के आंकड़ों से यह संकेत मिल रहा कि इंडस्ट्रियल सेक्टर की तीसरी तिमाही से मजबूत शुरुआत हुई है।

Manufacturing PMI: पिछले महीने अक्टूबर में देश का कारखानों में काम ने स्पीड पकड़ी। इससे जुड़ा एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) सितंबर महीने में 57.7 से उछलकर अक्टूबर महीने में 59.2 पर पहुंच गया। इसके आंकड़े आज 3 नवंबर को जारी हुए हैं। यह सुधार फेस्टिव सीजन की मांग और सरकार के जीएसटी दरों में कटौती के चलते आई तेजी को दिखाता है। पिछले सात महीने में यह पांचवी बार है, जब यह इंडेक्स 58 के ऊपर है। यह वैश्विक स्तर पर बढ़ती अनिश्चितता के बावजूद मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार लचीलेपन का संकेत है। इसके 50 के ऊपर होने का मतलब है कि एक्टिविटी में विस्तार हो रहा है। यहां पिछले कुछ महीने के मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी का ग्राफिकल रिप्रेजेंटेशन दिया जा रहा है।

तीसरी तिमाही की मजबूत शुरुआत

अक्टूबर के आंकड़ों से यह संकेत मिल रहा कि इंडस्ट्रियल सेक्टर की तीसरी तिमाही से मजबूत शुरुआत हुई है। यह स्थिति तब है जब केंद्रीय बैंक आरबीआई का मानना है कि ओवरऑल ग्रोथ इस वित्त वर्ष के पहली छमाही के हाई से कम ही रह सकती है। इस वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8% की रफ्तार से बढ़ी जोकि पांच तिमाही में सबसे तेज स्पीड रही। आरबीआई के मुताबिक अब दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में इसके 7% की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है। हालांकि अंतिम तिमाही तक ग्रोथ रेट के घटकर 6.2% तक आने का अनुमान है। आरबीआई का अनुमान है कि इस वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में इकॉनमी 6.5% की रफ्तार से बढ़ सकती है।

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