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सोने-चांदी में ज्यादा निवेश खतरनाक, निवेशकों को मल्टी-एसेट एप्रोच अपनाने से होगा असल फायदा

सोने की कीमतें 20 अक्तूबर को 4,381.21 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई थीं। उसके बाद उनमें गिरावट दिख रही है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के सीआईओ शंकर नरेन का कहना है कि इनवेस्टर्स को सोने पर फोकस करने की जगह इनवेस्टमेंट में मल्टी-एसेट एप्रोच अपनाना चाहिए

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Nov 05, 2025 पर 6:13 PM
सोने-चांदी में ज्यादा निवेश खतरनाक, निवेशकों को मल्टी-एसेट एप्रोच अपनाने से होगा असल फायदा
एस नरेन ने कहा कि अमेरिकी सरकार के मुश्किलों से बाहर आने पर लंबे समय तक गोल्ड और सिल्वर का रिटर्न जीरो रह सकता है।

सोने की कीमतें अक्तूबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। उसके बाद उनमें गिरावट दिख रही है। हालांकि, 5 नवंबर को गोल्ड में रिकवरी दिखी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.8 फीसदी चढ़कर 3,966.54 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। इसके बावजूद यह 20 अक्तूबर को 4,381.21 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई से काफी नीचे है। सवाल है कि निवेशकों को क्या करना चाहिए? आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के सीआईओ शंकर नरेन ने इस बारे में मुंबई में 4 नवंबर को मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट कॉन्फ्रेंस में अहम बातें बताईं।

इनवेस्टमेंट में मल्टी-एसेट एप्रोच जरूरी

उन्होंने कहा कि इनवेस्टर्स को सिर्फ Gold में निवेश करने की जगह मल्टी-एसेट एप्रोच अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि गोल्ड और सिल्वर में बहुत ज्यादा निवेश करने की जरूरत है। आप गोल्ड-सिल्वर में तभी निवेश कर सकते हैं, जब आपका भरोसा अमेरिकी सरकार पर नहीं रह गया है। अगर ऐसा नहीं है तो आपको मल्टी-एसेट में निवेश करना चाहिए। फिलहाल गोल्ड में ज्यादा निवेश की वजह एंटी गवर्नमेंट इनवेस्टमेंट है।"

इस वजह से गोल्ड का रिटर्न जीरो रह सकता है

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