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NCERT ने लॉन्च की कक्षा 8वीं साइंस की नई किताब, आधुनिक विज्ञान को भारतीय नजरिए से समझने का मौका

NCERT New Textbooks: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा 8वीं के लिए नई टैक्स्टबुक्स लॉन्च की हैं। नई किताब में भारतीय वैज्ञानिक ज्ञान, आधुनिक विज्ञान और अब तक की गई खोजों को लेकर एक सेक्शन जोड़ा गया है। इस किताब के जरिए छात्रों आधुनिक विज्ञान को भारतीय नजरिए से समझने का मौका मिलेगा

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Jul 15, 2025 पर 12:59 PM
NCERT ने लॉन्च की कक्षा 8वीं साइंस की नई किताब, आधुनिक विज्ञान को भारतीय नजरिए से समझने का मौका
NCERT New Textbooks: नई किताब आधुनिक वैज्ञानिक सिद्धांतों को भारत के प्राचीन ज्ञान और खोजों के साथ जोड़ती है

NCERT New Textbooks for Class 8th: नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (NEP 2020) और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर टीचर एजुकेशन 2023 (NCF-SE) के तहत नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा 8वीं के लिए नई टैक्स्टबुक्स लॉन्च की हैं। नई किताब में भारतीय वैज्ञानिक ज्ञान, आधुनिक विज्ञान और अब तक की गई खोजों को लेकर एक सेक्शन जोड़ा गया है। ये सेक्शन आधुनिक वैज्ञानिक सिद्धांतों को भारत के प्राचीन ज्ञान और खोजों के साथ जोड़ती है। इस किताब के जरिए छात्रों आधुनिक विज्ञान को भारतीय नजरिए से समझने का मौका मिलेगा।

इसका उद्देश्य छात्रों में जिज्ञासा जगाना और भारत की वैज्ञानिक विरासत की सराहना करने के लिए प्रोत्साहित करना है। शिक्षाविद् और NCERT के पूर्व डायरेक्टर जे.एस. राजपूत ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया कि यह इंटीग्रेशन यूनेस्को की 1996 की रिपोर्ट 'लर्निंग: द ट्रेजर विदिन (Learning: The Treasure Within)' के अनुरूप है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि 21वीं सदी की शिक्षा सांस्कृतिक रूप से जिक्र होने के साथ-साथ प्रगतिशील भी होनी चाहिए।

राजपूत ने इस नई पहल की प्रशंसा करते हुए इसे सीखने को अधिक समग्र और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम बताया। "स्वास्थ्य: परम निधि (Health: The Ultimate Treasure)" नाम के चैप्टर में वैरियोलेशन पर प्रकाश डाला गया है, जो आधुनिक वैक्सीन के विकास से बहुत पहले चेचक की रोकथाम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक पारंपरिक भारतीय विधि है।

यह वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में भारत की समकालीन भूमिका पर भी प्रकाश डालता है। इसमें बताया गया है कि कैसे भारतीय वैक्सीन निर्माताओं ने कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। Particulate Nature of Matter नामक चैप्टर में आचार्य कणाद के प्राचीन परमाणु सिद्धांत का परिचय दिया गया है। उन्होंने सिद्धांत दिया कि सभी पदार्थ अविभाज्य कणों से बने हैं जिन्हें परमाणु कहा जाता है। एक अन्य चैप्टर में ट्रेडिशनल मेडिकल में पाचन और प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए तांबे और टिन के उपयोग पर चर्चा की गई है।

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