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Bihar Chunav: बिहार में शराबबंदी, UP से कैसे हो रही तस्करी! चुनाव के दौरान नशे की खेप का पूरा खेल

Bihar Chunav 2025: बिहार में हर चुनाव एक जानी-पहचानी कहानी कहता है: जैसे-जैसे चुनाव प्रचार तेज होता है, वैसे-वैसे शराब के अंडरग्राउंड रास्ते भी बढ़ते जाते हैं। गोरखपुर और बलिया में अस्थायी डिपो से लेकर घाघरा और गंडक नदियों के किनारे छिपी छोटी शराब भट्टियों तक, तस्करी का नेटवर्क पूरे जोरों पर सक्रिय है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 05, 2025 पर 4:37 PM
Bihar Chunav: बिहार में शराबबंदी, UP से कैसे हो रही तस्करी! चुनाव के दौरान नशे की खेप का पूरा खेल
Bihar Chunav: चुनाव के समय बिहार तक अवैध शराब पहुंचाने वाले गिरोह ज्यादा सक्रिय हो गए, जिससे बिहार-यूपी के बॉर्डर इलाकों में शराब की तस्करी बढ़ गई

जब बिहार ने 2016 में पूरे राज्य में शराबबंदी लागू की थी, तो नैतिक सुधार का वादा भी किया गया था। अब नौ साल बाद, उस शराबबंदी ने रातों की नींद उड़ा रखी है, लेकिन शराबियों की नहीं, बल्कि राज्य की सीमा की सुरक्षा में लगी एजेंसियों की। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश एक्साइज विभाग को एक चुनौती का सामना करना पड़ रहा- यह है शराब की तस्करी और अंतरराज्यीय शराब सिंडिकेट। चुनाव के समय बिहार तक अवैध शराब पहुंचाने वाले गिरोह ज्यादा सक्रिय हो गए, जिससे बिहार-यूपी के बॉर्डर इलाकों में शराब की तस्करी बढ़ गई।​

बिहार में शराब की तस्करी को रोकने और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने शराबमुक्त राज्य की सीमा से लगे सात जिलों - कुशीनगर से सोनभद्र तक - में गहन कार्रवाई शुरू कर दी है।

उन्होंने निगरानी के लिए 154 शराब की दुकानों की पहचान की है, चुनाव से 48 घंटे पहले उन्हें बंद करने का आदेश दिया है, और संवेदनशील बॉर्डर पर 25 चौकियां बनाई गई हैं। उनका मिशन है- बिहार के चुनावों में शराब को रोकना और लोकतंत्र को बरकरार रखना।

बिहार में हर चुनाव एक जानी-पहचानी कहानी कहता है: जैसे-जैसे चुनाव प्रचार तेज होता है, वैसे-वैसे शराब के अंडरग्राउंड रास्ते भी बढ़ते जाते हैं। गोरखपुर और बलिया में अस्थायी डिपो से लेकर घाघरा और गंडक नदियों के किनारे छिपी छोटी शराब भट्टियों तक, तस्करी का नेटवर्क पूरे जोरों पर सक्रिय है।

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