घर का भेदी लंका ढाहे। इस बार बिहार चुनाव में भी यही हो सकता है। लालू यादव के बड़े सुपुत्र तेज प्रताप ने चुनाव में अपने ही बाप-भाई को सबक सिखाने का फैसला किया है। अपनी नई पार्टी बनाई है। पार्टी का नाम जनशक्ति जनता दल है। तेज प्रताप महुआ से चुनाव लड़ रहे हैं। और अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं। वैसे ये अलग बात है कि चुनावी रैलियों में भी वो अपने सहयोगियों से जनता के मुद्दे पूछ-पूछकर ही भाषण देते थे। महुआ की जनता ने उनके वादों और भाषणों पर भरोसा किया है या नहीं यह तो 14 नवंबर को पता चलेगा। लेकिन इन सबके बीच तेज प्रताप खुलेआम ऐलान कर रहे हैं कि उनके सामने कई हजार विकल्प खुले हैं। अब इन कई हजार विकल्प में क्या कोई विकल्प NDA में शामिल होने का तो नहीं है!क्या पहली बार RJD को अपने बेटे की वजह से नुकसान होगा?
