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Vijay Kumar Sinha: विजय सिन्हा ने विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता से तय किया उप-मुख्यमंत्री तक का सफर, जानिए उनकी 'अनस्टॉपेबल' सियासी कहानी

Vijay Kumar Sinha Deputy CM: 2020 में वे बिहार विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। इस पद पर उनकी छवि एक सख्त, अनुशासित और प्रक्रियाओं को महत्व देने वाले नेता की रही।फिर जनवरी 2024 में सरकार के पुनर्गठन में भाजपा ने उन्हें बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Nov 20, 2025 पर 3:59 PM
Vijay Kumar Sinha: विजय सिन्हा ने विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता से तय किया उप-मुख्यमंत्री तक का सफर, जानिए उनकी 'अनस्टॉपेबल' सियासी कहानी
Deputy CM Vijay Sinha: उन्हें 2005 में लखीसराय विधानसभा से टिकट दिया और उन्होंने पहली बार में जीत हासिल की

Deputy CM Vijay Sinha: लखीसराय के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजय कुमार सिन्हा ने आज दूसरी बार बिहार के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। 5 जून 1967 को अपने ननिहाल तिलकपुर में जन्मे विजय सिन्हा आज बिहार की राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक हैं। सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने वाले सिन्हा ने छात्र राजनीति अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरुआत की और अपनी सादगी, अनुशासन और सामाजिक संवेदनशीलता के दम पर एक 'अनस्टॉपेबल' राजनीतिक करियर बनाया है।

संगठनात्मक आधार और चुनावी पकड़

शिक्षक पिता और गृहिणी माता के घर जन्मे विजय सिन्हा का बचपन से ही शिक्षा और अनुशासन पर जोर रहा। इसी वजह से छात्र जीवन में वे ABVP और RSS से जुड़े, जिसने उनके राजनीतिक मूल्यों और नेतृत्व शैली को आकार दिया। लंबे समय तक भाजपा संगठन में सक्रिय रहने के बाद पार्टी ने उन्हें 2005 में लखीसराय विधानसभा से टिकट दिया और उन्होंने पहली बार में जीत हासिल की। हालांकि, उसी वर्ष हुए दोबारा चुनाव में वे महज 80 वोट से हार गए थे।

इस हार को चुनौती मानते हुए, उन्होंने इसके बाद 2010, 2015 और 2020 के चुनावों में लगातार जीत दर्ज करके अपनी पकड़ मजबूत की। जनता से सीधा संवाद और सरल व्यवहार उनकी लोकप्रियता का मुख्य कारण रहा।

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