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बच्चे की आंखों को डिजिटल थकान से बचाने में काम आएंगे एक्सपर्ट के बताए ये 6 टिप्स, जानें इनके बारे में

बच्चों का डिजिटल उपकरणों पर लंबा समय बिताना ही मायने नहीं रखता, उनके इस्तेमाल का तरीका भी अहमियत रखता है। वरिष्ठ कैटरेक्ट और रेटिना सर्जन डॉ पवन गुप्ता बच्चों की आंखों को डिजिटल थकान से बचाने के लिए कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से बच्चों का स्क्रीन टाइम कम किया जा सकता है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 17, 2025 पर 1:51 PM
बच्चे की आंखों को डिजिटल थकान से बचाने में काम आएंगे एक्सपर्ट के बताए ये 6 टिप्स, जानें इनके बारे में
बच्चों की आंखों पर बढ़ते स्क्रीन टाइम की वजह से खराब असर पड़ रहा है।

आज के डिजिटल दुनिया के बच्चों के लिए होमवर्क से लेकर मनोरंजन तक सबकुछ मोबाइल पर आ गया है। हम चाहे कितना कहें कि स्क्रीन टाइम कम होना चाहिए, लेकिन बहुत छोटी उम्र के बच्चे ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं। इससे बच्चों की आंखों पर डिजिटल दबाव पड़ रहा है, जिससे मायोपिया के मामलों में तेज इजाफा देखने को मिल रहा है। दुनिया की 40-50% आबादी 2050 तक मायोपिया से ग्रस्त हो सकती है, जिसका एक प्रमुख कारण स्क्रीन का बढ़ता इस्तेमाल है। बच्चों के लिए यह स्थिति वयस्कों से भी बदतर है, क्योंकि उनकी आंखें अभी बढ़ने की अवस्था में हैं और लंबे समय तक स्क्रीन का सामना करने के लिए पूरी तरह से परिपक्व नहीं हैं।

आई 7 हॉस्पिटल लाजपत नगर और विजन आई क्लिनिक, नई दिल्ली के वरिष्ठ कैटरेक्ट ऐंड रेटिना सर्जन, डॉ. पवन गुप्ता ने कहा कि अभी नहीं संभले तो यह समस्या बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य संकट का रूप ले सकती है। उन्होंने मनीकंट्रोल को बताया, ‘बच्चों का सिर्फ डिजिटल उपकरणों पर लंबा समय बिताना ही मायने नहीं रखता, उनके इस्तेमाल का तरीका भी अहमियत रखता है।’ लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव और जरूरत पड़ने पर दवाइयां लेकर इस जोखिम को कम किया जा सकता है।

बाहर खेलने की आदत डालें

डॉ. गुप्ता ने बताया, ‘बच्चों को दिन में कम से कम 1-2 घंटे बाहर खुले माहौल में खेलना चाहिए। सूरत की रोशनी मायोपिया से बचाने और आंखों की सेहत को बेहतर बनने में एक महत्वपूर्ण कारक है। बच्चे नियमित गतिविधियों के अलावा किसी भी स्पोर्ट्स एक्टिविटी, साइकिलिंग या यूं ही बस दोस्तों के साथ खेल सकते हैं।’

स्कूल के बाद स्क्रीन टाइम सीमित करें

स्कूल के बाद, डिजिटल मीडिया के संपर्क को सीमित किया जाना चाहिए। डॉ. गुप्ता ने बताया कि बच्चों को स्कूल के बाद एक घंटे से ज्यादा समय तक डिवाइस पर नहीं रहना चाहिए। इससे आंखों को जरूरी आराम दे सकते हैं।

20-20-20 नियम का पालन करें

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