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Delhi Blast: डॉक्टर कैसे बन गए आतंकी? जुटाए 26 लाख और 2 साल तक बनाई केमिकल सप्लाई चेन

Delhi Blast Investigatios: एक NIA अधिकारी ने कहा, 'वे रातोंरात विस्फोटक नहीं बना रहे थे, उनका काम लंबे समय से चल रहा था और यह एक व्यवस्थित ऑपरेशन था। एक सजिशकर्ता गनई पर लगभग ₹3 लाख में गुरुग्राम और नूंह से 26 क्विंटल NPK उर्वरक खरीदने का भी आरोप है

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Nov 23, 2025 पर 8:24 AM
Delhi Blast: डॉक्टर कैसे बन गए आतंकी? जुटाए 26 लाख और 2 साल तक बनाई केमिकल सप्लाई चेन
Delhi Blast: मुख्य आरोपी मुजम्मिल गनई ने पूछताछ में खुलासा किया है कि ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए फंड कैसे जुटाया गया

Delhi Blast Probe: दिल्ली के लाल किले पर हुए धमाके की जांच कर रही NIA ने तथाकथित 'व्हाइट-कॉलर आतंकवाद' के एक सनसनीखेज खुलासा किया है। NIA के अनुसार, डॉक्टरों के एक समूह ने कई भारतीय शहरों में आतंकी हमलों को अंजाम देने की साजिश को वित्तपोषित करने के लिए कथित तौर पर ₹26 लाख जुटाए थे। इस मॉड्यूल ने 2 साल से अधिक समय तक विस्फोटक सामग्री और रिमोट-ट्रिगरिंग उपकरणों को इकट्ठा करने में बिताया, जो उनकी सुनियोजित तैयारियों को दिखाता है।

कैसे हुई थी फंडिंग?

मुख्य आरोपी मुजम्मिल गनई ने पूछताछ में खुलासा किया है कि दिल्ली लाल किले ब्लास्ट के लिए फंड कैसे जुटाया गया। गनई ने स्वयं ₹5 लाख का योगदान दिया, जबकि अदील अहमद राथेर और उनके भाई मुजफ़्फर अहमद राथेर ने कथित तौर पर क्रमशः ₹8 लाख और ₹6 लाख दिए। एक अन्य डॉक्टर, शाहीन शाहिद ने ₹5 लाख दिए, और डॉ. उमर उन-नबी मोहम्मद ने ₹2 लाख का योगदान किया। अधिकारियों ने बताया कि पूरा फंड डॉ. उमर को सौंप दिया गया था, जो इस हमले को अंजाम देने में प्रमुख शख्स रहा। एक जांचकर्ता ने बताया, 'उमर ने तकनीकी भाग संभाला, जबकि अन्य ने फंडिंग और लॉजिस्टिक्स पर ध्यान केंद्रित किया।'

केमिकल सप्लाई चेन का किया था निर्माण

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