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Delhi Pollution: GRAP के नियमों में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी, जानें अब क्या होगा लागू

Delhi Pollution: कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने नोट में पॉल्यूशन कम करने के लिए कई शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म उपाय सुझाए हैं। इनमें मुख्य रूप से ऑफिस के कामकाज के घंटे, स्टाफ की मौजूदगी और बिजली सप्लाई से जुड़े बदलाव शामिल हैं

Edited By: Ankita Pandeyअपडेटेड Nov 20, 2025 पर 10:59 AM
Delhi Pollution: GRAP के नियमों में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी, जानें अब क्या होगा लागू
Delhi Pollution: नए सिस्टम के मुताबिक कड़े नियम अब पहले ही चरण में लागू हो जाएंगे

दिल्ली-एनसीआर में प्रदुषण का लेवल दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। प्रदुषण की वजह से शहर में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के दौरान बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के सुझाए गए शॉर्ट-टर्म उपायों के तहत ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) में बड़े बदलावों की अनुमति दे दी है। नए सिस्टम के मुताबिक कड़े नियम अब पहले ही चरण में लागू हो जाएंगे। यानी जो प्रतिबंध पहले स्टेज-4 में तब लगते थे जब AQI 450 से ऊपर जाता था, वे अब स्टेज-3 में ही लागू हो जाएंगे। इसी तरह स्टेज-3 के नियम स्टेज-2 पर और स्टेज-2 के निर्देश स्टेज-1 पर लागू किए जाएंगे। इसका मकसद ये है कि प्रदूषण को खतरनाक स्तर पर पहुंचने से पहले ही नियंत्रण करने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकें।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भूषण आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए उठाया गया कोई कदम सराहनीय है। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि CAQM ऐसे फैसले लेते समय सभी संबंधित पक्षों से सलाह-मशविरा करेगा। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को तय की है।

क्या होंगे सुधार

PTI के रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने ये सुझाव भी दिया कि CAQM दिल्ली–NCR के स्कूलों को नवंबर और दिसंबर में होने वाली ओपन-एयर स्पोर्ट्स कॉम्पिटिशन को एयर पॉल्यूशन लेवल को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित महीनों में शिफ्ट करने पर विचार करे। CAQM ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने नोट में पॉल्यूशन कम करने के लिए कई शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म उपाय सुझाए हैं। इनमें मुख्य रूप से ऑफिस के कामकाज के घंटे, स्टाफ की मौजूदगी और बिजली सप्लाई से जुड़े बदलाव शामिल हैं।

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