Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भेजे गए प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कहा कि राज्य विधानसभाओं में पारित विधेयकों को मंजूरी देने के संबंध में राज्यपाल एवं राष्ट्रपति के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की जा सकती। शीर्ष अदालत ने कहा कि न्यायपालिका भी उन्हें मान्य स्वीकृति नहीं दे सकती। हालांकि, कोर्ट ने साफ कहा कि राज्यपाल विधानसभा से पास हुए बिलों को अनंत काल तक अपने पास नहीं लटका सकते। ऐसा करना संघीय ढांचे को गहरी चोट पहुंचाता है। सात ही जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के कामकाज को पूरी तरह ठप कर देता है।
