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'अगर अमेरिका प्रस्ताव से खुश है, तो तुरंत साइन कर देना चाहिए'; भारत-US ट्रेड एग्रीमेंट पर बोले गोयल

India-US Trade Agreement: एक अमेरिकी अधिकारी की तरफ से कहा गया था कि अमेरिका को ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर भारत से अब तक का सबसे अच्छा प्रस्ताव मिला है। इस पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि अगर वे बहुत खुश हैं, तो उन्हें बिना किसी देरी के इस पर साइन कर देना चाहिए

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Dec 11, 2025 पर 11:17 PM
'अगर अमेरिका प्रस्ताव से खुश है, तो तुरंत साइन कर देना चाहिए'; भारत-US ट्रेड एग्रीमेंट पर बोले गोयल
India–US Trade Deal: पीयूष गोयल ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर साइन करने की कोई टाइमलाइन बताने से परहेज किया

IndiaUS Trade Deal: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार (11 दिसंबर) को कहा कि अगर अमेरिका भारत-US व्यापार समझौते से संबंधित भारतीय प्रस्तवा से खुश है, तो उसे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के डॉक्यूमेंट पर तुरंत साइन कर देने चाहिए। गोयल ने भारत की तरफ से रखी गई पेशकश पर ट्रंप प्रशासन के विचारों का स्वागत किया। लेकिन उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबे समय से इंतजार किए जा रहे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर साइन होने की कोई डेडलाइन बताने से परहेज किया

वाणिज्य मंत्री अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। ग्रीयर ने कहा  था कि अमेरिका को ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर भारत से अब तक का सबसे अच्छा प्रस्ताव मिला है। इस पर गोयल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "उनकी खुशी का बहुत स्वागत हैमेरा मानना ​​है कि अगर वे बहुत खुश हैं, तो उन्हें बिना किसी देरी के इस पर साइन कर देना चाहिए"

हालांकि, उन्होंने अमेरिका को भारत की तरफ से की गई पेशकश के बारे में बताने से मना कर दिया। मंत्री ने कहा कि व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ बातचीत के पांच दौर पूरे हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रिक स्विट्जर की भारत की मौजूदा यात्रा किसी नए वार्ता दौर का हिस्सा नहीं है। बल्कि एक-दूसरे को बेहतर समझने का प्रयास है।

स्विट्जर ने वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व वाले भारतीय दल के साथ दो दिन तक बातचीत की। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच भी गुरुवार को फोन पर बातचीत हुई। इसमें व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।

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