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BSP Lucknow Rally: मायावती ने सपा-कांग्रेस पर साधा निशाना! लेकिन योगी सरकार की कर दी तारीफ, अब अखिलेश ने कसा तंज

Mayawati Lucknow Rally: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने गठबंधन के अपने पिछले अनुभवों को कोई खास फायदेमंद नहीं बताते हुए गुरुवार को स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का अगला चुनाव अपने बलबूते पर ही लड़ेगी। इस दौरान उन्होंने योगी सरकार की तारीफ कर दी, जिसपर अखिलेश यादव ने पलटवार किया है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Oct 09, 2025 पर 2:02 PM
BSP Lucknow Rally: मायावती ने सपा-कांग्रेस पर साधा निशाना! लेकिन योगी सरकार की कर दी तारीफ, अब अखिलेश ने कसा तंज
BSP Lucknow Rally: मायावती ने दावा किया कि BSP को रोकने के लिए कांग्रेस, बीजेपी और सपा ने हाथ मिलाए

BSP Lucknow Rally: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (SP) पर दलित महापुरुषों के सम्मान को लेकर दोहरे पैमाने अपनाने का आरोप लगाया। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरुवार (9 अक्टूबर) को कहा कि सत्ता में रहने पर इन महापुरुषों की उपेक्षा करने और सत्ता से बाहर जाने के बाद उन्हें याद करने वाले दोगले लोगों से बहुजन समाज को सावधान रहने की जरूरत है।

मायावती ने BSP संस्थापक कांशीराम के 19वें परिनिर्वाण दिवस पर राजधानी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। वहीं, उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार को अपनी सरकार में बनवाए गए स्मारकों का ख्याल रखने के लिए उन्होंने धन्यवाद दिया।

मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा, "सपा के लोग दो-तीन दिन पहले मीडिया में खबर छपवा रहे थे कि वे मान्यवर श्री काशीराम जी के सम्मान में संगोष्ठी करेंगे। लेकिन जब वह सरकार में रहते हैं तो ना उन्हें PDA याद आता है और ना मान्यवर श्री कांशीराम जी की जयंती याद रहती है और ना ही पुण्यतिथि याद रहती है। लेकिन जब वह सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो समाजवादी पार्टी को याद आता है कि हमें संगोष्ठी करनी चाहिए।"

उन्होंने कहा, "मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि अगर काशीराम के प्रति आपका इतना ही आदर सम्मान था तो जब उत्तर प्रदेश में मेरी सरकार थी तो सरकार ने अलीगढ़ मंडल में कासगंज के नाम से अलग जिला बनाया और उसका नाम कांशीराम नगर रखा था लेकिन जैसे ही सपा सत्ता में आई उसने नाम बदल दिया। कांशीराम जी के नाम पर हमने विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों के नाम रखे, जनहित की योजनाएं शुरू कीं मगर बाद में आयी सपा सरकार ने सभी बड़ी-बड़ी योजनाओं को बंद कर दिया। यह इनका दोहरा चरित्र नहीं है तो क्या है?"

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